कांग्रेस में बदलाव शुरू, 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन, मनमोहन, सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी शामिल, थरूर को जगह नहीं
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 26, 2022 07:34 PM2022-10-26T19:34:18+5:302022-10-26T20:38:37+5:30
जगजीवन राम ने 1969 में कांग्रेस का नेतृत्व किया था और 50 साल में मल्लिकार्जुन खड़गे दूसरे दलित नेता हैं। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है।
नई दिल्लीः कांग्रेस में आज से बदलाव का दौड़ शुरू हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया, जो सीडब्ल्यूसी के रूप में काम करेगी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी नए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे द्वारा गठित 47 सदस्यीय संचालन समिति का हिस्सा हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसद शशि थरूर को जगह नहीं दिया। हालांकि आनंद शर्मा टीम में शामिल हैं। ये कमेटी ही सभी फैसला लेगी। शशि थरूर ही मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़े थे। हालांकि थरूर को हार का सामना करना पड़ा था।
Former PM Manmohan Singh, Sonia Gandhi, Rahul Gandhi part of 47-member Steering Committee set up by new Cong president Kharge
— Press Trust of India (@PTI_News) October 26, 2022
कांग्रेस के नए अध्यक्ष खड़गे द्वारा गठित 47 सदस्यीय संचालन समिति में प्रियंका गांधी, एके एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, के सी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला भी खड़गे द्वारा गठित संचालन समिति का हिस्सा हैं। हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव पर फोकस करना है।
केसी वेणुगोपाल ने आदेश में कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 15 (बी) के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने संचालन समिति का गठन किया है जो कांग्रेस कार्य समिति के स्थान पर कार्य करेगी।" सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है और संचालन समिति अब पार्टी के पूर्ण सत्र में खरगे के निर्वाचन की पुष्टि तक सभी निर्णय लेगी, जिसमें सभी प्रदेश कांग्रेस समिति प्रतिनिधि शामिल होंगे। सत्र अगले साल मार्च में होने की संभावना है।
Congress president Mallikarjun Kharge sets up 47-member steering committee to function as CWC
— Press Trust of India (@PTI_News) October 26, 2022
खड़गे के सामने तात्कालिक चुनौती हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव है। दोनों राज्यों में उसे आक्रामक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) से मुकाबला करना है। उन्हें अगले साल छत्तीसगढ़, राजस्थान और अपने गृह राज्य कर्नाटक सहित नौ विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहना होगा।