जम्मू कश्मीर, 19 जून: जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके साथ ही राज्य में तीन सालों से चला आ रहा पीडीपी-बीजेपी गठबंधन खत्म हो गया है। बीजेपी ने राज्य में राज्यपाल शासन की मांग की है।
ऐसे में अब पीडीपी के पास अल्पमत हो गया है। लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने भी अपना बयान जारी कर दिया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस पीडीपी का समर्थन नहीं करेगी। इससे साफ हो गया है कि सरकार बनाने के लिए पीडीपी को कांग्रेस का साथ नहीं मिलेगा।
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ऐसे में महबूबा मुफ्ती सरकार का दावा पेश करना अब मुश्किल लग रहा है। वहीं, बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब देखना ये होगा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगता है कि नहीं।
जम्मू कश्मीर में 87 सीटों के हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर पीडीपी उभरी थी. उसके बाद दूसरे नंबर की पार्टी बीजेपी थी जिसके पास 25 सीटें थी। 15 सीटें जीत कर उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कांफ्रेंस तीसरे नंबर पर थी और कांग्रेस के हिस्से आई थीं कुल 12 सीटें।
राज्य में सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की आवश्यकता थी। जिसे बेमेल कहे जाने वाले बीजेपी-पीडीपी गठबंधन ने पूरा किया। बीते करीब साढ़े तीन सालों से ये दोनों पार्टी राज्य पर शासन कर रही थीं।