कांग्रेस ने केवल सत्ता हासिल करने के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया : राजनाथ सिंह

By भाषा | Updated: March 14, 2021 22:05 IST2021-03-14T22:05:46+5:302021-03-14T22:05:46+5:30

Congress only aligned with AIUDF to gain power: Rajnath Singh | कांग्रेस ने केवल सत्ता हासिल करने के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया : राजनाथ सिंह

कांग्रेस ने केवल सत्ता हासिल करने के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया : राजनाथ सिंह

विश्वनाथ/गोहपुर/डेरागांव (असम), 14 मार्च असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन करने पर कांग्रेस पर हमलावर होते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि विपक्ष की लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करके सिर्फ सत्ता हासिल करने में दिलचस्पी है।

विश्वनाथ, गोहपुर तथा डेरागांव विधानसभा क्षेत्र जहां पर 27 मार्च को पहले चरण में चुनाव होने हैं, वहां रैलियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि असम में आतंकवाद एवं उग्रवाद कम हुए हैं, जिससे सरकार की विकास गतिविधियों को गति मिली है।

सिंह ने रविवार को कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर असम के नायकों को उचित सम्मान और मान्यता दी है।

डेरागांव में उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को क्या हो गया है? तरूण गोगोई जब 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने एआईयूडीएफ के साथ कभी समझौता नहीं किया। लेकिन आज वे एआईयूडीएफ के साथ हैं। क्यों? क्या महज चुनाव जीतने के लिए और सत्ता हासिल करने के लिए?’’

कांग्रेस ने राज्य में 126 सदस्यीय विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एआईयूडीएफ और छह अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है।

उन्होंने विपक्षी दल पर देश और राज्य को धर्म के नाम पर विभाजित करने का आरोप लगाया।

सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा धर्म की राजनीति नहीं करती। हम मानवता की राजनीति करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि गठबंधन देश की सेवा करने के इरादे से बनाए जाने चाहिए, न कि केवल सरकार बनाने की मंशा से।

भाजपा ने इस चुनाव में असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के साथ गठबंधन किया है। ये राजग की क्षेत्रीय इकाई नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का हिस्सा है।

विश्वनाथ में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि असम में शांति लौटी है और राज्य में गत पांच साल के भाजपा शासन के दौरान दर्जनों उग्रवादी संगठनों ने हथियार डाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझसे विश्वनाथ आने को कहा गया तो वर्ष 2014 में हुई आदिवासियों के नरसंहार की घटना मेरे दिमाग में आई, लेकिन अब हालात सुधर गए हैं। इलाके में शांति बहाल होने से बेहतर और कोई खबर नहीं हो सकती।’’

उल्लेखनीय है कि एनडीएफबी(एस) के उग्रवादियों ने दिसंबर 2014 में 76 आदिवासियों समेत कम से कम 81 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

आदिवासियों की हत्या की घटना के समय गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में जब कार्यभार संभाला तो केंद्र ने आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में कई उग्रवादी संगठनों ने हथियार डाले हैं। असम में स्थिति काफी सुधरी है। राज्य प्रगति के पथ पर है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा के बड़े हिस्से को सील किया है और नदी सीमा वाले इलाके में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने धुबरी से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा सील की है और जो थोड़ा हिस्सा बिना बाड़बंदी के रह गया है, उसे भी भाजपा के असम की सत्ता में आने के बाद पूरी तरह सील किया जाएगा।’’

राजनाथ सिंह ने कहा कि त्रिपुरा में भी भाजपा सरकार पड़ोसी देश से अवैध आव्रजन रोकने के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब त्रिपुरा के साथ-साथ असम और पश्चिम बंगाल में भी भाजपा सरकार होगी तो कोई भी अवैध रूप से सीमाओं को पार करने की हिमाकत नहीं करेगा। दो मई को जब विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित होंगे तो आप भाजपा को पश्चिम बंगाल और असम में सरकार बनाते देखेंगे।’’

सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नाम लिए बगैर सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस की एक नेता हाल में यहां आई थीं, वह चाय बागानों में गईं। उन्होंने चाय की पत्तियां तोड़ीं। इस तरह के दिखावे की क्या जरूरत है? मेरा मानना है कि जमीन पर ठोस काम होने चाहिए।’’

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस नेताओं से पूछें कि असम में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विकास के लिये क्या काम किए।

सिंह ने सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ने इतने वर्षों में विकास के जो काम नहीं किए, उसे राज्य में पिछले पांच वर्षों में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में भाजपा के शासन में किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में विकास पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन कोई भी सोनोवाल या उनके किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा सकता।

असम के बिश्वनाथ जिले के गोहपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनने से पहले दिल्ली में बैठे नेता राज्य के लोगों की उपेक्षा करते थे।

सिंह ने कहा, ‘‘जब असम के मंत्री दिल्ली जाते थे, तो कोई भी उनसे ठीक से बात नहीं करता था। उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता था और असम के लोगों की उपेक्षा की जाती थी। केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद चीजें बदल गईं।’’

उन्होंने कहा कि मोदी ने सुनिश्चित किया है कि इस क्षेत्र की समस्याओं को सुनने के लिए हर महीने एक केंद्रीय नेता असम और पूर्वोत्तर का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने असम के नायकों को उचित सम्मान और मान्यता दी है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के लोग साहसी होते हैं और वे जोखिम उठा सकते हैं। असम ने अहोम सेनापति लछित बोरफुकन जैसे नायक को जन्म दिया।’’

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में लछित बोरफुकन के नाम पर सर्वेश्रेष्ठ कैडेट का पुरस्कार दिया जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह मोदी सरकार ही है, जिसने प्रसिद्ध गायक, गीतकार एवं संगीतकार भूपेन हजारिका को प्रतिष्ठित भारत रत्न दिया, जबकि अन्य सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने उनकी उपेक्षा की थी।

असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव होंगे।

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