सीवीसी की नुयक्ति को लेकर कठघरे में सरकार, अधीर रंजन चौधरी की वजह से पीएम मोदी ने खारिज किए तीन नाम
By शीलेष शर्मा | Published: February 20, 2020 06:40 AM2020-02-20T06:40:03+5:302020-02-20T06:40:03+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने जब सीवीसी की नियुक्ति पर चर्चा की तो राजीव कुमार का नाम शामिल होने के कारण कांग्रेस के नेता जो समिति के सदस्य हैं अधीर रंजन चौधरी ने कड़ी आपत्ति उठाई थी।
भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए गठित मुख्त सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इन सवालों के पीछे बड़ा कारण प्रक्रिया की अनदेखी और मनमाने ढंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संजय कोठारी को नया सीवीसी नियुक्त करना कारण बना हुआ है. हैरानी की बात तो यह है कि मुख्य सतर्कता अधिकारी और सतर्कता अधिकारी के आवेदनों की छंटनी करने का काम जिस कमेटी को सौंपा गया था उसमें खुद आवेदक का नाम शामिल था.
वित्त मंत्रालय में सचिव राजीव कुमार ने स्वंय सीवीसी पद के लिए आवेदन दिया और उन्ही को सरकार ने उस कमेटी में शामिल कर लिया जिसे नामों की छंटनी करनी थी. खुद ही जज और खुद ही मुल्जिम की बात सामने आई. सर्च कमेटी ने 38 सीवी पद के लिए मिले आवेदकों में से 3 नाम चुने जिनमें अजय नाराण झा भानु प्रताप शर्मा और राजीव कुमार के नाम शामिल थे. दरअसल इस विभाग में दो नियुक्तियां की जानी थीं. एक सीवीसी और एक सतर्कता आयुक्त के लिए. कुल मिलाकर 180 आवेदकों ने अपने आवेदन दिए. जिनमें से 88 ऐसे आवेदक थे जिन्होंने दोनों पदों के लिए आवेदन दिया था.
प्राप्त तथ्यों के अऩुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने जब सीवीसी की नियुक्ति पर चर्चा की तो राजीव कुमार का नाम शामिल होने के कारण कांग्रेस के नेता जो समिति के सदस्य हैं अधीर रंजन चौधरी ने कड़ी आपत्ति उठाई है, सूत्र बताते हैं कि अधीर रंजन के आपत्ती उठाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन तीनों नामों को खारिज कर दिया जो सर्च कमेटी ने नियुक्ति के लिए न्युक्ति समंबंधी समिति को सौंपे थे और अपने पास से एक नया नाम जिसने न तो आवेदन दिया था और न हीं जिसका नाम सर्च कमेटी के सामने आया था को आनन फानन में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुक्ख सतर्कता आयुक्त के पद पर नियुक्त कर दिया. इस नियुक्ति को लेकर सर्च कमेटी भी हैरत में है जिसमें राजीव गाबा, सी चंद्रमोहन मोली और राजीव कुमार सदस्य हैं.
इन तथ्यों की जानकारी सामने आते ही कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि संवैधानिक संस्थाओं को अपने कब्जे में लेने के लिए मोदी और शाह की जोड़ी नियमों और प्रक्रिया को ताक पर रखकर नियुक्तियां कर रहे हैं. सीवीसी की नियुक्ति उसी कड़ी का उदाहरण है. पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मांग की कि इस पूरी नियुक्ति को रद्द किया जाए और नए सिरे से प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन मंगाकर नई सर्च कमेटी का गठन जिसकी अनुशंसा के आधार पर नए सीवीसी और वीसी की नियुक्ति की जाए.