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कांग्रेस का दावा-सावरकर ने जिन्ना के ‘टू नेशन’ सिद्धांत का किया था समर्थन

By शीलेष शर्मा | Updated: September 19, 2019 08:59 IST

महाराष्ट्र में सावरकर को लेकर जो अब तक कांग्रेस बचती रही वह अब सावरकर पर ही हमला बोलेगी. 

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में चुनाव है इसलिए भाजपा-शिव सेना मुख्य मुद्दों से देश का ध्यान हटाना चाहती है-कांग्रेसउद्धव ठाकरे ने नेहरु पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सावरकर इस देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में ही नहीं आता.

वीर सावरकर को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में अब तक किनारा करती रही कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में खुलकर सावरकर के खिलाफ मैदान में उतरेगी.

यह स्थिति आज उस समय पैदा हुई जब शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नेहरु पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सावरकर इस देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में ही नहीं आता.

कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे की टिप्पणी पर तीखा हमला बोला और 18 अगस्त 1943 के ‘द इंडियन एन्युवल रजिस्टर’ का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक कर दिया जिसमें सावरकर ने कहा है कि हिंदू महासभा हमेशा उन लोगों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है जो चार सिद्धांतो में विश्वास रखते है.

इनमें क्षेत्रीय अखंडता, प्रांतों और केंद्र में बहुसंख्यकों की आबादी का शासन, केंद्र की विशेष शक्तियां  और केवल मेरिट के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियों का प्रावधान.

सावरकर का सीधा अर्थ था कि हिन्दू राष्ट्र में हिन्दूओं का शासन हो. सावरकर ने यह भी कहा ‘‘मेरा जिन्ना से ‘टू नेशन’ के सिद्धांत पर कोई मतभेद नहीं है और यह ऐतिहासिक सत्य है कि हम एक हिन्दू राष्ट्र है तथा हिन्दू और मुसलमान दो अलग-अलग देश.’’

इन तथ्यों का हवाला देकर कांग्रेस अब हमलावर हो गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने उद्धव ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चूंकि महाराष्ट्र में चुनाव है इसलिए भाजपा-शिव सेना मुख्य मुद्दों से देश का ध्यान हटाना चाहती है इससे पहले कि वह नेहरू पर टिप्पणी करें भाजपा-शिव सेना बताये कि देश की अर्थव्यवस्था चौपट क्यों है.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी देश की गिरती अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाया और ट्वीट किया ‘‘चकाचौंध दिखाकर रोज़ पांच ट्रिलियन-पांच ट्रिलियन बोलते रहने या मीडिया की हेडलाइन मैनेज कर लेने से आर्थिक सुधार नहीं होता. विदेशों में प्रायोजित इवेंट करने से निवेशक नहीं आते. निवेशकों का भरोसा डगमगा चुका है. आर्थिक निवेश की जमीन दरक गई है.’’

पार्टी सूत्र बताते है कि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जहां एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, चौपट होते धंंधे, को मुद्दा बनाएगीं वहीं महाराष्ट्र में सावरकर को लेकर जो अब तक कांग्रेस बचती रही वह अब सावरकर पर ही हमला बोलेगी. 

टॅग्स :महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019असेंबली इलेक्शन २०१९कांग्रेस
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