नई दिल्ली: संगठनात्मक चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ उन्होंने नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर 'धोखा' करने का आरोप लगाया। इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उनके चरित्र पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आजाद का डीएनए अब 'मोदी-फाइड' हो गया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे अधिक सम्मान दिया है, उसने अपने शातिर व्यक्तिगत हमलों से उसे धोखा दिया है जो उसके असली चरित्र को प्रकट करता है। गुलाम नबी आजाद का डीएनए 'मोदी-फाइड' हो गया है।" बता दें कि आजाद के इस्तीफे को पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और आघात माना जा रहा है।
पहले कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं जिसमें कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार आदि शामिल हैं। आजाद की राहुल गांधी की तीखी आलोचना और कांग्रेस से सार्वजनिक इस्तीफे ने पार्टी को विभाजित कर दिया है, कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका समर्थन किया है, लेकिन अधिकांश गांधी वफादार उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। आजाद के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उनकी एक नई पार्टी शुरू करने की योजना है।
इस बीच शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण" है कि वरिष्ठ नेता ने ऐसे समय में इस तरह से इस्तीफा दे दिया जब पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी लामबंदी के लिए कमर कस रही है।
गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी और राहुल गांधी को 'बचकाना व्यवहार', 'चमकदार अपरिपक्वता' और 'अनुभवहीन चापलूसों की टोली' को पार्टी चलाने देने के लिए फटकार लगाई। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पार्टी से आजाद के इस्तीफे पर निराशा और "विश्वासघात की भावना" व्यक्त की।