नई दिल्ली: आज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में चल रही है और अपने शुरुआती संबोधन में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मैं पूर्णकालिक और व्यावहारिक कांग्रेस अध्यक्ष हूं.
कोविड महामारी के दौरान पिछले पांच महीने में दूसरी बार हुई बैठक में कांग्रेस के शीर्ष नेता संगठनात्मक चुनाव, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और देश के मौजूद हालात पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे हुए हैं.
अपने शुरुआती संबोधन में सोनिया ने कहा कि पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है. लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है. सबसे बढ़कर इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता होती है.
जी-23 की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा साफगोई की सराहना की है. मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है. तो आइए हम सभी एक स्वतंत्र और ईमानदार चर्चा करें. लेकिन इस कमरे की चारदीवारी के बाहर क्या संदेश दिया जाना चाहिए, यह सीडब्ल्यूसी का सामूहिक निर्णय है.
सोनिया गांधी ने देश के आर्थिक हालात पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकारी प्रचारतंत्र के हमें विश्वास दिलाने की कोशिशों के बावजूद अर्थव्यवस्था बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. जैसा कि हम सभी जानते हैं, आर्थिक सुधार के लिए सरकार के पास केवल राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने का ही जवाब है.
उन्होंने लखीमपुर में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की, जिसमें चार किसानों सहित आठ की मौत हो गई.
लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटनाएं भाजपा की मानसिकता को दिखाती हैं कि वह किसान आंदोलन को कैसे देखती है और अपनी जिंदगी और जीवनयापन को बचाने का दृढ़ संकल्प लेने वाले किसानों से कैसे निपटती है.
बैठक में कुल 52 कांग्रेस नेता शामिल हैं. एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिग्विजय सिंह सहित पांच नेताओं ने इसमें हिस्सा नहीं लिया है.