Chintan Shivir: पार्टी में परिवारवाद की कल्पना को खत्म करेगी कांग्रेस, चिंतन शिविर में एक परिवार एक टिकट का प्रस्ताव होगा पेश
By रुस्तम राणा | Published: May 10, 2022 06:26 PM2022-05-10T18:26:09+5:302022-05-10T18:53:05+5:30
इस चिंतन शिविर में कांग्रेस परिवार की परिकल्पना को खत्म करने के विचार में है। इसलिए पार्टी इस मंथन शिविर में एक परिवार एक टिकट का प्रस्ताव पेश होगा।
नई दिल्ली: कांग्रेस के होने वाले चिंतन शिविर में पार्टी की नीति में एक बड़ा बदलाव होगा। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस परिवार की परिकल्पना को खत्म करने के विचार में है। इसलिए पार्टी इस मंथन शिविर में एक परिवार एक टिकट का प्रस्ताव पेश होगा।
कांग्रेस समितियों में दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं को 50 फीसदी हिस्सेदारी देने और कांग्रेस समियों का कार्यकाल 3 सालों के लिए तय करने की बात भी सामने आ रही है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक 'एक परिवार एक टिकट' के नियम में नेताओं के उन परिजनों के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा जो संगठन के लिए कम से कम पांच सालों से काम कर रहे हैं। यानी 'एक परिवार एक टिकट' नियम के बावजूद यदि परिवार से दो लोग संगठन में सक्रिय हैं तो दोनों को टिकट के लिए योग्य माना जा सकता है।
कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर 13 मई से 15 मई तक राजस्थान में होने जा रहा है। पार्टी सोनिया गांधी द्वारा चिंतन शिविर के मद्देनजर बनाई गई संगठन मामलों की कमिटी ने तमाम प्रस्ताव तैयार किए हैं। जो पार्टियों की नीतियों से संबंधित हैं। बीते सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई है और चिंतन शिविर में इन बदलावों पर मुहर लगेगी।
बता दें कि कांग्रेस का यह चिंतन शिविर राजस्थान के उदयपुर में होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस शिविर में पार्टी छह एजेंडों पर फोकस करेगी जिस पर चर्चा के लिए 6 अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है।
इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, भूपिंदर सिंह हुड्डा और अमरिंदर सिंह वारिंग को इन 6 अलग-अलग समितियों के संयोजक बनाए गए हैं। सभी समितियों में 9-9 सदस्य हैं।
गौरतलब है कि 9 साल पहले कांग्रेस का चिंतन शिविर साल 2013 में जयपुर में आयोजित किया गया था। तब इस शिविर में 2014 के लोकसभा चुनाव पर चर्चा की गई थी।