सावरकर पर कांग्रेस की बदली सियासत, पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "कांग्रेस सावरकर विवाद से दूर रहेगी, महाविकास अघाड़ी को एकजुट रखना है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 6, 2023 10:55 PM2023-04-06T22:55:28+5:302023-04-06T23:00:25+5:30
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सावरकर विवाद कहा है कि उनकी पार्टी सावरकर मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हो गई है क्योंकि महाविकास अघाड़ी के सहयोगी तीनों दल दिवंगत हिंदुत्व विचारक सावरकर पर अलग-अलग विचार रखते हैं।
मुंबई: दिग्गज कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उनकी पार्टी सावरकर मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हो गई है क्योंकि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के तीनों सहयोगी दल दिवंगत हिंदुत्व विचारक पर अलग-अलग विचार रखते हैं।
कांग्रेस की ओर से यह स्पष्टीकरण इस कारण आया है क्योंकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने एक जनसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा गया था कि सावरकर का "अपमान" बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपने भाषण में ठाकरे ने कहा था कि वह सावरकर को अपना "आदर्श" मानते हैं और इसलिए राहुल गांधी को उनके अपमान से बचना चाहिए।
दरअसल राहुल गांधी अक्सर सावरकर पर जेल से बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों से "माफी मांगने" का आरोप लगाते हैं और इस मुद्दे पर बाजपा लगातार राहुल पर हमलावर रहती है और उनसे माफी मांगने की मांग करती है।
अब इसी विवाद पर अशोक चव्हाण ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस सावरकर के मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हो गई है क्योंकि एमवीए सहयोगियों के बीच उनके बारे में अलग-अलग विचार है। एमवीए में कांग्रेस के साथ शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) शामिल है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अशोक चव्हाण ने कहा, "लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की सच्चाई के बारे में फैसला करने दें। इसमें खेद की कोई बात नहीं है। हम असहमत होने पर सहमत हुए और इस मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हुए क्योंकि हमारे सहयोगी सावरकर पर अलग-अलग विचार रखते हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने भाजपा की थाली में सावरकर जैसा विवाद परोसने के बाद उसे खत्म कर दिया है। चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी भगवा पार्टी की थाली में कोई मुद्दा नहीं परोसा है।