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भाजपा-शिवसेना सरकार ने बताया किसानों की कर्ज माफी की सबसे बड़ी योजना, विपक्ष ने कहा 50 प्रतिशत लोगों को नहीं मिली छूट

By भाषा | Updated: September 21, 2019 05:57 IST

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को पूर्ण कर्ज माफी नहीं दी, लेकिन बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर दिए। पवार ने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों ने बैंकों को धोखा देने वाले उद्योगपतियों को 86,000 करोड़ रूपए दिए लेकिन आत्महत्या करने वाले किसानों को कोई राहत नहीं दी।

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ठळक मुद्देपूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण कारखाने बंद हो रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है।प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने सावंत के आरोपों को निराधार बताया।

महाराष्ट्र में कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा-शिवसेना सरकार के उस दावे को गलत करार दिया जिसमें कहा गया था कि 89 लाख किसानों के लिए 34,000 करोड़ रुपये की उसकी कर्ज माफी देश में सबसे बड़ी है। विपक्षी दल ने दावा किया कि छूट के हकदार 50 प्रतिशत लोगों को अभी तक लाभ नहीं मिल सका है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने योजना की शुरुआत करते हुए इसे देश में सबसे बड़ी बताया था। 

महाराष्ट्रकांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर ऋण माफी योजना की घोषणा की। लेकिन इसकी घोषणा के 27 महीने बाद भी कई लाख किसान छोड़ दिए गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि योजना के लाभार्थियों की अंतिम संख्या जारी होने के बाद कांग्रेस के इस रूख की पुष्टि होती है कि कई किसानों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं। 

सावंत ने कहा कि 31 अगस्त तक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 44,04,147 किसानों को 18,761 करोड़ रुपये की ऋण माफी मिली है। इसका अर्थ यह है कि लगभग 45 लाख किसानों के ऋण अभी माफ किए जाने हैं। 

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने सावंत के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, ‘‘89 लाख किसानों का आंकड़ा राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) द्वारा दिया गया था। जब आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किए गए, बैंकों ने 15 लाख खाते हटा दिए।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सुनिश्चित किया है कि केवल जरूरतमंद किसानों को ही लाभ हो, क्योंकि पैसा लोगों का है। 

उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने सरकारी अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों को 89 लाख किसानों की सूची से बाहर करने का फैसला किया। इस बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने किसानों के ऋणों को पूरी तरह से माफ नहीं करने को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों पर निशाना साधा। वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले जालना शहर में राकांपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों को पूर्ण कर्ज माफी नहीं दी, लेकिन बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर दिए। पवार ने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों ने बैंकों को धोखा देने वाले उद्योगपतियों को 86,000 करोड़ रूपए दिए लेकिन आत्महत्या करने वाले किसानों को कोई राहत नहीं दी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण कारखाने बंद हो रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है। 

उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित पश्चिमी महाराष्ट्र में कैंप नहीं किया। पवार ने कहा कि 1993 के लातूर भूकंप के दौरान, जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह राहत कार्यों की देखरेख के लिए कई दिनों तक वहां रहे थे।

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