राज्यसभा की आचरण समितिः 19 सांसद के खिलाफ मामला खारिज, जानिए क्या है कारण
By भाषा | Published: January 4, 2020 03:08 PM2020-01-04T15:08:12+5:302020-01-04T15:08:12+5:30
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने इन शिकायतों को खारिज करते हुये अधिकारियों को समिति की कार्यप्रणाली के बारे में लोगों को जागरुक करने का भी निर्देश दिया है जिससे शिकायत करने की निर्धारित प्रक्रिया सहित अन्य प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
राज्यसभा की आचरण समिति ने उच्च सदन के 19 सदस्यों के खिलाफ शिकायत दायर करने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किये जाने के आधार पर खारिज कर दिया है।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने इन शिकायतों को खारिज करते हुये अधिकारियों को समिति की कार्यप्रणाली के बारे में लोगों को जागरुक करने का भी निर्देश दिया है जिससे शिकायत करने की निर्धारित प्रक्रिया सहित अन्य प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि आचरण समिति के अध्यक्ष प्रभात झा को समिति के समक्ष सांसदों के खिलाफ शिकायत भेजने संबंधी मौजूदा नियमों की समीक्षा करने का एक प्रस्ताव भी भेजा गया है। नायडू ने पिछले सप्ताह आचरण समिति की कार्यप्रणाली की समीक्षा किये जाने के बाद यह निर्देश जारी किये हैं। राज्यसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में एक बैठक के दौरान सभापति के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि पिछले चार साल के दौरान उच्च सदन के 19 सदस्यों के खिलाफ मिली 22 शिकायतें समिति ने बिना परीक्षण किये वापस कर दी।
उन्होंने बताया कि इन शिकायतों को निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किये जाने के आधार पर खारिज किया गया। उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में सदस्यों का सकारात्मक आचरण सुनिश्चित करते हुये सदन की बैठक सुचारु बनाने के लिये आचरण समिति, सदस्यों के आचरण संबंधी शिकायतों की जांच करती है।
राज्यसभा के जिन 19 सदस्यों के खिलाफ समिति को 22 शिकायतें मिली थीं उनमें सत्तापक्ष और विपक्ष के अलावा दो मामले निर्दलीय सदस्यों से भी जुड़े थे। समिति ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किये जाने के आधार पर इन शिकायतों को प्रारंभिक जांच किये बिना ही वापस लौटा दिया।
समिति को मिली 22 शिकायतों में से 13 शिकायतें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, चार चार शिकायतें गृह मंत्रालय और लोकसभा सचिवालय तथा एक शिकायत संसदीय कार्य मंत्रालय को संबोधित थी, जो कि इन मंत्रालयों द्वारा राज्यसभा सचिवालय को भेजी गयीं।
राज्यसभा सचिवालय ने आचरण समिति के अध्यक्ष को शिकायत दायर करने संबंधी मौजूदा नियमों की समीक्षा करने का प्रस्ताव भेजा है। राज्यसभा के किसी भी सदस्य के आचरण संबंधी शिकायत को समिति के अध्यक्ष या समिति द्वारा नामित किसी अधिकारी को संबोधित करते हुये शिकायत दी जा सकती है।
समित आचरण संबंधी किसी मामले में स्वत: संज्ञान भी ले सकती है। विधायिका में अपने तरह की पहली समिति के रूप में आचरण समिति के गठन का प्रावधान पहली बार 1997 में किया गया था। इसका मकसद सदस्यों के नैतिक आचरण पर आंतरिक रूप से स्वत: निर्धारित प्रक्रिया के तहत नजर रखना है। यह समिति अब तक अपनी दस रिपोर्टें प्रस्तुत कर चुकी है।