ओडिशा विधानसभा में हंगामा : भाजपा विधायकों का दावा, सदन बाधित करने के लिए स्पीकर ने उकसाया
By भाषा | Published: April 4, 2021 06:37 PM2021-04-04T18:37:10+5:302021-04-04T18:37:10+5:30
भुवनेश्वर, चार अप्रैल ओडिशा विधानसभा में आसन की ओर चप्पल उछालने की घटना पर कोई खेद जताए बिना भाजपा विधायकों ने रविवार को आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष एस. एन. पात्रो ने उन्हें ‘उकसाया’ था।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पीके नाइक ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा विधायक सोमवार को राज्यपाल गणेशी लाल से मुलाकात करेंगे और उनसे शनिवार को कथित रूप से बिना चर्चा विधानसभा से पारित विधेयक को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में भाजपा के उप नेता बीसी सेठी, पार्टी सचेतक मोहन माझी और विधायक जेएन मिश्रा को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई पात्रो, संसदीय कार्यमंत्री बीके अरुखा, सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक, नेता प्रतिपक्ष पीके नाइक, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा द्वारा शनिवार की घटना का वीडियो देखने के बाद की गई।
भाजपा विधायक बिना चर्चा कुछ मिनट में ओडिशा लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक को पारित घोषित करने पर स्पीकर पात्रो से उलझ गए थे।
नाराज भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में पूरी रात महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन पार्टी के ओडिशा सह प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर के अनुरोध पर वापस ले लिया।
शेष सत्र के लिए निलंबित विधायक जेएन मिश्रा ने आरोप लगाया कि स्पीकर पात्रो सदन में गतिरोध के लिए उन्हें ‘उकसा’ रहे थे।
मिश्रा ने कहा, ‘‘हम हाड़-मांस से बने इंसान हैं। हम कैसे खुद को संयमित रख सकते हैं जब स्पीकार हमें कुछ कहावतों को उद्धृत कर उकसा रहा हो? जब हमारे नेता अपनी राय रखने के लिए खड़े हुए तब भी स्पीकर ने हमारी ओर देखा तक नहीं।’’
सदन से माफी मांगने के सवाल पर मिश्रा ने कहा कि अगर ओडिशा की जनता मानती है कि यह सही तरीका नहीं था तो मुझे माफी मांगने में कोई झिझक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन स्पीकर से माफी मांगने का सवाल ही नहीं है।’’
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पास संख्या बल नहीं है।
स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए भाजपा के सचेतक मोहन चरण माझी ने कहा कि जिस तरह से स्पीकर ने विधेयक पारित करते समय विपक्षी विधायकों को चर्चा में शामिल होने से रोका, उससे साफ है कि उन्हें सत्ता पक्ष से निर्देश दिया जा रहा है।
उन्होंने निष्पक्ष नहीं रहने पर स्पीकर से माफी की मांग की।
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