मालेगांव ब्लास्ट: कर्नल पुरोहित की UAPA हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- आरोप तय करते समय होगा विचार
By भारती द्विवेदी | Published: April 20, 2018 01:22 PM2018-04-20T13:22:14+5:302018-04-20T13:22:14+5:30
कर्नल पुरोहित को जब गिरफ्तार किया गया था तब वे सेना की मिलिटरी इंटेलिजेंस के लिए काम कर रहे थे।
नई दिल्ली, 20 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को यूएपीए के केस हटाने से इनकार कर दिया है। पुरोहित की याचिका पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा है कि इस पर आरोप तय करते समय विचार किया जाएगा। कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत उनके खिलाफ चल रहे केस को चैलेंज किया था।
Col Prasad Shrikant Purohit leaves from Supreme Court. He had challenged the prosecution sanction for his trial under the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA). The Court observed that the matter would be heard at the timing of framing of charges in the Malegaon blast case. pic.twitter.com/QWdKWB5roQ
— ANI (@ANI) April 20, 2018
बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम धमाका हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 20 नवंबर 2008 को मकोका लगा दिया गया और एटीएस ने 21 जनवरी 2009 को इस मामले में पहला आरोप पत्र दायर किया। महाराष्ट्र एटीएस ने अपनी जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में जांच एनआईए को सौंपी गई। एटीएस के मुताबिक कर्नल के संगठन 'अभिनव भारत' ने धमाकों की साजिश रची थी।
मई 2016 में अपनी चार्जशीट में एनआईए ने कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को धमाकों की साजिश के प्रमुख आरोपियों में से एक बताया। 25 अप्रैल 2017 को बांबे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी, 23 अगस्त 2017 को कर्नल पुरोहित 9 साल बाद जेल से बाहर आए। 27 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ मकोका हटा दिया। उनपर आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा।