केंद्रीय मंत्री उमा आगे और 'शिव-साधना' पीछे, महाकाल का ऐसे किया पूजन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 21, 2018 09:54 AM2018-08-21T09:54:31+5:302018-08-21T10:43:03+5:30
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को दोपहर अपनी धार्मिक यात्रा पर परिवार के साथ उज्जैन पहुंचे । यहां आकर उन्होंने भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर के गर्भगृह में सपरिवार पहुंच कर पूजन अर्चन किया।
उज्जैन, 21 अगस्तः भगवान श्री महाकालेशवर की चौथी सवारी से पहले मंदिर के सभागृह में भगवान के चंद्रमोलेश्वर स्वरूप का केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने तखत पर बैठकर और उनके पीछे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह ने दोनों पुत्रों के साथ खड़े होकर पूजन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सपरिवार भगवान की पालकी को कांधा दिया।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को दोपहर अपनी धार्मिक यात्रा पर परिवार के साथ उज्जैन पहुंचे । यहां आकर उन्होंने भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर के गर्भगृह में सपरिवार पहुंच कर पूजन अर्चन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर में ही भगवान की सवारी की पूजा में भाग लिया। सावन मास के अंतिम सोमवार पर उज्जैन में बाबा महाकाल की चौथी सवारी निकाली गई।
भगवान महाकाल राजसी ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले। बाबा की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम सड़कों पर देखा गया। बाबा ने अपनी प्रजा को उमा महेश रूप में दर्शन दिए। परम्परानुसार पालकी में श्री चन्द्रमौलीश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाड़ी में गरूड पर शिव-ताण्डव एवं बैल पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में भगवान की सवारी प्रजा का हाल जानने निकली।
भगवान की सवारी श्री महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से अभिषेक पूजन के बाद सवारी परम्परागत मार्ग से होती हुई महाकालेश्वर मंदिर में पहुंची। सवारी के आठ किलोमीटर के सफर में मुख्य मंत्री पैदल झूमते गाते मजीरे बजाते नजर आये।
शिवराज बाबा की भक्ति में इतने मगन थे की वे खुद झांज मजीरे बजाते देखे गए। मान्यता हे की भगवान महाकाल सवारी के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। वहीं अपने राजा की एक झलक पाने के लिए प्रजा भी घंटों तक सड़क के दोनों और इंतजार करती है। शाम चार बजे पूजन के बाद राजा महाकाल को चांदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। मंदिर से निकलते ही पुलिस प्रशासन द्वारा सवारी को सलामी दी गई। सवारी के आगे घोड़ा, बेंड, पुलिस टुकड़ी तथा भजन मंडलियां चल रही थी।
(उज्जैन से ब्रिजेश परमार की रिपोर्ट)