केरल विधानसभा में CM विजयन ने CAA के खिलाफ रखा प्रस्ताव, BJP ने किया विरोध

By भाषा | Published: December 31, 2019 11:52 AM2019-12-31T11:52:56+5:302019-12-31T11:52:56+5:30

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने विधानसभा को यह भी आश्वासन दिया कि इस दक्षिणी राज्य में कोई निरोध केंद्र नहीं खोला जाएगा। सत्र शुरू होते हुए विधानसभा में भाजपा के इकलौते विधायक ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह ‘‘गैरकानूनी’’ है क्योंकि संसद के दोनों सदनों ने सीएए कानून को पारित कर दिया है। 

CM Pinrayi Vijayan moves against CAA in Kerala Assembly, BJP opposes | केरल विधानसभा में CM विजयन ने CAA के खिलाफ रखा प्रस्ताव, BJP ने किया विरोध

विजयन ने कहा, ‘‘देश के लोगों के बीच चिंता को देखते हुए केंद्र को सीएए को वापस लेने के कदम उठाने चाहिए

Highlightsकेरल के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सीएए विरोधी प्रस्ताव पेश कियाउन्होंने कहा कि सीएए ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने विवादित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को रद्द करने की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव को पेश करते हुए विजयन ने कहा कि सीएए ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है तथा इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है।’’ विजयन ने कहा, ‘‘देश के लोगों के बीच चिंता को देखते हुए केंद्र को सीएए को वापस लेने के कदम उठाने चाहिए और संविधान के धर्मनिरपेक्ष नजरिए को बरकरार रखना चाहिए।’’

विजयन ने विधानसभा को यह भी आश्वासन दिया कि इस दक्षिणी राज्य में कोई निरोध केंद्र नहीं खोला जाएगा। सत्र शुरू होते हुए विधानसभा में भाजपा के इकलौते विधायक ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह ‘‘गैरकानूनी’’ है क्योंकि संसद के दोनों सदनों ने सीएए कानून को पारित कर दिया है। 

क्या है नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

कानून के अनुसार, यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। इनर लाइन परमिट अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है।

विपक्षी पार्टियाों का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है क्योंकि उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक रिपब्लिक हैं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। इस वजह से उनका धार्मिक उत्पीड़न नहीं हो सकता। सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि प्रत्येक आवेदन का परीक्षण करके ही नागरिकता दी जाएगी। 

Web Title: CM Pinrayi Vijayan moves against CAA in Kerala Assembly, BJP opposes

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