गोवा सीएम मनोहर पर्रिकर की हालत गंभीर, नेतृत्व बदलने की सुगबुगाहट
By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 14, 2018 02:25 PM2018-09-14T14:25:26+5:302018-09-14T14:25:26+5:30
पर्रिकर इलाज कराकर सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका से लौटे थे। उससे पहले, वह करीब तीन महीने तक अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती रहे थे।
पणजी, 14 सितंबरःगोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की हालत गंभीर हो गई है। पर्रिकर को बृहस्पतिवार शाम को कैंडोलिम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी हालत तबीयत गंभीर बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक पर्रिकर की बीमारी को देखते हुए अब गोवा में शीर्ष नेतृत्व को बदलने की भी तैयारी शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है लेकिन उन्होंने उनकी तबीयत के बारे में ब्योरा देने से इनकार कर दिया। जबकि डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने समाचार एजेंसी एएनआई को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर कंडोलिम बीच के एक अस्पताल के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा विधायक माइकल लोबो ने कहा कि उन्होंने अस्पताल में पर्रिकर से भेंट की और वह ठीक हैं। पर्रिकर इलाज कराकर सितंबर के पहले सप्ताह में अमेरिका से लौटे थे। उससे पहले, वह करीब तीन महीने तक अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती रहे थे।
इन्हीं मामलों को लेकर कांग्रेस नेताओं ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की थी। विपक्ष ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के अक्सर अनुपस्थित रहने तथा उनकी कैबिनेट के दो सहकर्मियों के अस्पताल में भर्ती होने के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य में प्रशासन और कई काम ठप पड़ने से राज्यपाल को हस्तेक्षेप करने की मांग की।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि पर्रिकर को काम पर लौटने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देना चाहिए। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री को किस तरह की बीमारी है, उस बारे में पता नहीं चल पाया है। वहीं, दो अन्य मंत्री गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते लौटने के बाद से पर्रिकर ने किसी सरकारी बैठक में भाग नहीं लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा था कि वह घर से ही फाइलें निपटा रहे हैं और गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होने के बाद वह बैठकों और कार्यक्रमों में जाने लगेंगे। लेकिन इससे पहले ही उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। ऐसे में विपक्ष को लगातार हमलावर होते देख प्रदेश में शीर्ष नेतृत्व को बदलने को लेकर बात चलने लगी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)