पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘सदबुद्धि’ आई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दिल्ली में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के आवास पर दोनों नेताओं की मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की। घोष ने पत्रकारों से कहा ,‘‘ यह अच्छी बात है कि उन्हें (बनर्जी को) सदबुद्धि आई। मुझे हालांकि लगता है कि इसमें बहुत देर हो गई।
सीबीआई से खुद को और अपनी पार्टी को बचाने के उनके प्रयास नाकाम रहे। कानून अपना काम करेगा और जिन्होंने जनता का पैसा लूटा है या दोषियों की मदद की है, वे सींखचों के पीछे होंगे।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उनसे कहा कि बंगाली, बिहारी, गोरखा और असमी समुदायों के वास्तविक भारतीयों को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर कर दिया गया है।
साथ ही, ममता ने एनआरसी से प्रभावित इन लोगों की दशा सुधारने के लिए शाह से हस्तक्षेप की भी मांग की। ममता की गृह मंत्री शाह के साथ यह पहली बैठक थी, जिन्होंने (शाह ने) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के साथ करीब तीन महीने पहले गृह मंत्रालय का प्रभार संभाला था।
केंद्रीय गृह मंत्री के ‘नार्थ ब्लॉक’ स्थित कार्यालय में उनसे मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं असम में एनआरसी के बारे में चर्चा करने के लिए गृह मंत्री से मिलने और उन्हें यह बताने आई थी कि कई वास्तविक भारतीयों को (एनआरसी) सूची से बाहर कर दिया गया है।
मैंने उनसे जरूरी कदम उठाने को कहा है ताकि उन लोगों को एनआरसी में शामिल किया जा सके क्योंकि वे लोग संकट में हैं।’’ ममता ने कहा कि एनआरसी से बाहर किये गए लोगों में काफी संख्या में बंगाली, बिहारी, गोरखा और यहां तक कि असमी समुदाय के लोग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उनसे इन लोगों के मामलों की छानबीन कराने और मुद्दों का हल करने का अनुरोध किया है।’’ असम के बाशिंदों की सूची (अंतिम एनआरसी) 31 अगस्त को प्रकाशित की गई थी, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम बाहर कर दिये गये थे।
ममता ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि वह इसकी जांच-पड़ताल कराएंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने पर क्या कोई चर्चा हुई, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन उनका यह पहले से जाहिर किया रुख रहा है कि उनके राज्य में ऐसी किसी पहल की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उनके राज्य में एनआरसी की जरूरत नहीं है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लंबे समय बाद और प्रधानमंत्री से मिलने का समय दिये जाने के बाद नयी दिल्ली आई। ममता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात एक संवैधानिक दायित्व है। इसके अलावा बांग्लादेश और भूटान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा मुद्दे तथा बिहार और झारखंड के साथ राज्य के सीमा मुद्दे भी हमारे पास है। पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष देश से जोड़ने वाले संकरे गलियारे का संवेदनशील मुद्दा भी है। इसलिए, गृह मंत्री के साथ उस परिप्रेक्ष्य में बैठक आवश्यक थी।’’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बुधवार को मुलाकात की थी और राज्य का नाम बदलने का मुद्दा मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री को पश्चिम बंगाल में एक कोयला ब्लॉक का उद्घाटन करने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह कोयला ब्लॉक दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा ब्लॉक है।