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प्रवीण कक्कड़ के घर क्यों पड़े आयकर के छापे? जानें पुलिस अधिकारी से सीएम के ओएसडी बनने तक का सफर

By मुकेश मिश्रा | Updated: April 7, 2019 10:56 IST

आयकर विभाग की टीम ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के घर छापा मारा। बताया जा रहा है कि सर्विस के दौरान ही कई जांच चल रही थी। प्रवीण जब पुलिस अधिकारी थे तभी उनके खिलाफ कई मामले सामने आए थे।

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ठळक मुद्दे प्रवीण जब पुलिस अधिकारी थे तभी उनके खिलाफ कई मामले सामने आए थे।प्रवीण कक्कड़ को पुलिस विभाग में रहने के दौरान उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।2004 में अपने नौकरी छोड़ दी और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बन गए।

आयकर विभाग की दिल्ली टीम ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशन ड्यूटी)  के घर पर छापेमारी की है। देर रात 3 बजे 15 से अधिक अधिकारियों की टीम ने स्कीम नंबर 74 स्थित निवास पर छापा मारा। इसके साथ ही विजय नगर स्थित शोरूम सहित अन्य स्थानों पर भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि सर्विस के दौरान ही कई जांच चल रही थी। प्रवीण जब पुलिस अधिकारी थे तभी उनके खिलाफ कई मामले सामने आए थे।

बताया जा रहा है कि जब आयकर विभाग की टीम देर रात पहुंची तो प्रवीण कक्कड़ के परिवार के लोग घबरा गए थे। जब उन्हें पुख्ता हो गया कि ये सभी आयकर के अधिकारी हैं तो उन्होंने जांच में सहयोग किया।

प्रवीण कक्कड़ को पुलिस विभाग में रहने के दौरान उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। इसके बाद उन्होंने 2004 में अपने नौकरी छोड़ दी और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बन गए।

यह भी पढ़ेंः- मध्य प्रदेशः सीएम कमलनाथ के ओएसडी के आवास समेत 50 ठिकानों पर आयकर के छापे, बड़ी रकम बरामद

कक्कड़ पुलिस सर्विस से  वीआरएस लेने के बाद कांतिलाल भूरिया से जुड़ गए थे। लंबे समय तक वे भूरिया के निजी सहायक रहे।जब भूरिया मंत्री बने तो वे उनके ओएसडी रहे। शिवराज सिंह सरकार के समय जब भूरिया कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तब कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने पार्टी से विद्रोह कर भूरिया के खिलाफ मोर्चा खोला था।

उस समय आरोप लगाया गया था कि कक्कड़ और भूरिया मिलाकर एक शराब फैक्टरी अपने बच्चों के पार्टनर शिप में प्रदेश में लगा रहे है।शिवराज सिंह सरकार ने अनुमति भी लगभग दे दी थी लेकिन ऐन मौके पर उठे विवाद के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाला दिया गया।

यही नहीं यह भी बताया जाता है कि कक्कड़ और भूरिया के बेटों के नाम गोवा में एक बड़ी खदान है। वह भी भाजपा सरकार के समय मिली थी।

2015 में कांतिलाल भूरिया को रतलाम-झाबुआ सीट पर मिली जीत प्रवीण कक्कड़ द्वारा बनाई रणनीति से मिली। दिसंबर 2018 में वे सीएम कमलनाथ के ओएसडी बने थे।

टॅग्स :कमलनाथआयकर विभागमध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव 2019
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