Fact Check: कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का वायरल वीडियो में किया गया दावा भ्रामक, जानें क्या है सच्चाई
By मनाली रस्तोगी | Published: May 24, 2024 12:57 PM2024-05-24T12:57:24+5:302024-05-24T13:03:08+5:30
सोशल मीडिया पर कन्हैया कुमार का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि नक्सली हमले में मारे गए सेना के जवानों को शहीद का नहीं बल्कि सेना द्वारा मारे गए नक्सलियों को शहीद का दर्जा देना चाहिए।
Created By: LOGICALLY FACTS
Translated By: लोकमत हिन्दी
Fact Check: सोशल मीडिया पर कन्हैया कुमार का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि नक्सली हमले में मारे गए सेना के जवानों को शहीद का नहीं बल्कि सेना द्वारा मारे गए नक्सलियों को शहीद का दर्जा देना चाहिए। जो वीडियो वायरल हुआ है वो 20 सेकंड का है और उसमें कन्हैया रवीश कुमार के साथ नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो में कन्हैया कुमार कहते हुए नजर आ रहे हैं, "सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ जंग छेड़ी जाए। मैं कहता हूं जिनको नक्सली बताकर मारा जा रहा है, वो भी शहीद हैं, भोले-भाले आदिवासी हैं। जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है, वो भी उनके जैसा ही।"
वीडियो को एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है। यूजर ने वीडियो साझा करते हुए कैप्शन में लिखा है, "नक्सली हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को शहीद नहीं कहा जाना चाहिए। सेना द्वारा मारे गए नक्सलियों को असली शहीद कहा जाना चाहिए। कांग्रेस नेता कॉमरेड कन्हैया कुमार से लेकर कॉमरेड रवीश कुमार। अगर आप देश विरोधियों को सबक सिखाना चाहते हैं तो सोच समझकर वोट करे।"
मगर ये वायरल वीडियो भ्रामक है। ये वीडियो साल 2016 का है, जिसे एनडीटीवी पर प्रसारित किया गया था। ये इंटरव्यू रवीश कुमार ने लिया था, जिसमें कन्हैया कुमार उनके एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस दौरान कुमार ने कहा था की नक्सली बताकर जिन लोगों को मारा जाता है और मुठभेड़ व सीमा पर जो जवान मारे जाते हैं, वो दोनों ही शहीद हैं।
लॉजिकल फैक्ट्स ने जब इससे संबंधित कीवर्ड्स के जरिये गूगल सर्च किया तो उन्हें मार्च 16, 2016 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर रवीश कुमार के साथ कन्हैया कुमार का पूरा इंटरव्यू मिला।
इस इंटरव्यू में रवीश कुमार कन्हैया कुमार से पूछते हैं, "एक बाइनरी चल गई है, तर्क चल रहा है कि सीमा पर जवान शहीद हो रहा है और आप इस तरह की मिनिमम यूनिटी जैसी अय्याशी जैसी वाली बातें कर रहे हैं, आपने कहा कि आपके भाई भी सीआरपीएफ में थे और उनकी शहादत भी हुई नक्सलियों से लड़ते हुए। कभी आपको लगा कि आप उनकी शहादत को डिमीन कर रहे हैं?"
इसपर कन्हैया कुमार ने कहा, "देखिये हम किसी की शहादत का अपमान नहीं करना चाहते। हमारी तो लड़ाई यही है कि सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए। मैं कहता हूं जिनको नक्सली बताकर मारा जा रहा है, वो भी शहीद हैं, भोले-भाले आदिवासी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है, वो भी उनके जैसा ही एक ग़रीब का बेटा है। जो लोग इस देश में अनाज उपजा रहे हैं, वो जो किसान मर रहे हैं, वो भी इस देश के शहीद हैं। और जो सीमा पर लोग मर रहे हैं, वो भी शहीद हैं। इन सारे शहीदों को एकजुट होना है। ये सारे परिवार को शहीद के परिवार का दर्जा मिलना चाहिए।"
कन्हैया कुमार ने ये भी कहा, "ये सारे शहीद जब रोड पर निकलेंगे एक साथ जय-जवान, जय किसान, मजदूर, आदिवासी, किसान का बेटा; ये जब सब एक साथ होगा। तभी वो लोग जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनकी राजनीति को एक्सपोज किया जाएगा कि लड़ाई होती क्यों है और लड़वाते कौन हैं।"
फिलहाल, लॉजिकल फैक्ट्स के फैक्ट चेक से ये पता चलता है कि कन्हैया कुमार का जो वीडियो वायरल हो रहा है जो भ्रामक है। वायरल हुए वीडियो में कन्हैया कुमार कहते नजर आ रहे हैं कि नक्सली हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को शहीद का दर्जा नहीं देना चाहिए। हालांकि, ये भ्रामक है। असल वीडियो में उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नक्सली बताकर मारा गया और सेना के जवानों दोनों को शहीद कहा जाना चाहिए।
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रिजल्टः भ्रामक
फैक्ट चेक को वेबसाइट LOGICALLY FACTS ने प्रकाशित किया है।
इसको रिपब्लिश 'लोकमतन्यूज.इन' ने 'शक्ति कलेक्टिव' के हिस्से के रूप में किया है।