कानून मंत्री ने देश की अदालतों में 5 करोड़ लंबित मामले पर जताई चिंता, जवाब में सीजेआई ने बताया कारण

By रुस्तम राणा | Published: July 16, 2022 07:14 PM2022-07-16T19:14:14+5:302022-07-16T19:17:50+5:30

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि न्यायिक रिक्तियों को न भरना लंबित मामलों का प्रमुख कारण है। सीजेआई रमन्ना और केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू जयपुर में अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक में भाग ले रहे थे।

CJI Ramana's reply after Kiren Rijiju flags concern over 5 crore pending cases | कानून मंत्री ने देश की अदालतों में 5 करोड़ लंबित मामले पर जताई चिंता, जवाब में सीजेआई ने बताया कारण

कानून मंत्री ने देश की अदालतों में 5 करोड़ लंबित मामले पर जताई चिंता, जवाब में सीजेआई ने बताया कारण

Highlightsसीजेआई ने कहा- न्यायिक रिक्तियों को न भरना लंबित मामलों का प्रमुख कारण हैकानून मंत्री बोले -सरकार और न्यायपालिका के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए

जयपुर: नालसा की 18 वीं आल इंडिया मीट में शनिवार को जब देश के कानून मंत्री किरण रिजिजू ने देश की अदालतों में 5 करोड़ लंबित मामलों को लेकर चिंता जताई। इसके जवाब में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि न्यायिक रिक्तियों को न भरना इसका प्रमुख कारण है। सीजेआई रमन्ना और केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू जयपुर में अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक में भाग ले रहे थे।

देश में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामले 5 करोड़ होने जा रहे हैं लेकिन न्यायपालिका और सरकार के बीच समन्वय से लंबित मामलों को कम किया जा सकता है। रिजिजू ने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए सरकार और न्यायपालिका के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने कहा कि लंबित मामलों के संबंध में कानून मंत्री की टिप्पणियों का जवाब देना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि मुझे खुशी है कि उन्होंने पेंडेंसी का मुद्दा उठाया है। हम जज भी करते हैं, जब हम देश से बाहर जाते हैं, तो हमारे सामने भी यही सवाल आता है- केस कितने साल चलेगा? पेंडेंसी के कारणों को आप सभी जानते हैं। मुझे इसके बारे में विस्तार से बताने की जरूरत नहीं है। मैंने पिछले मुख्य न्यायाधीशों-मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में इसका संकेत दिया था। आप सभी जानते हैं कि प्रमुख महत्वपूर्ण कारण न्यायिक रिक्तियों को न भरना और न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं करना है।

इस सम्मेल में किरण रिजिजू ने निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों की कार्यवाही में क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अदालत की भाषा अगर आम भाषा होगी तो हम कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि मातृभाषा को अंग्रेजी से कम नहीं आंका जाना चाहिए और कहा कि वह इस विचार से सहमत नहीं हैं कि एक वकील को अधिक सम्मान, मामले या फीस केवल इसलिए मिलनी चाहिए क्योंकि वह अंग्रेजी में अधिक बोलता है। 

इसके अलावा कानून मंत्री ने कहा कि संसद के अगले सत्र में 71 अलग-अलग कानून निरस्त किए जाएंगे। अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पर चिंता जताते हुए रिजीजू ने कहा, ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश की अदालतों में कुल लंबित मामलों की संख्या लगभग पांच करोड़ हो गई है। इन पांच करोड़ लंबित मामलों के समाधान के लिए न्यायपालिका और सरकार के बीच तालमेल से हर संभव कदम उठाया जाना चाहिए।

(इनपुट एजेंसी)

Web Title: CJI Ramana's reply after Kiren Rijiju flags concern over 5 crore pending cases

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