ममता बनर्जी के बाद अब पंजाब और केरल के सीएम भी उतरे सीएबी के विरोध में, 'कहा अपने राज्य में नहीं होने देंगे लागू'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 13, 2019 08:09 AM2019-12-13T08:09:32+5:302019-12-13T08:09:32+5:30
Citizenship Bill: पश्चिम बंगाल के बाद अब पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भी सीएबी का विरोध करते हुए कहा कि अपने राज्यों में नहीं होने देंगे लागू
पश्चिम बंगाल के बाद अब केरल और पंजाब भी इस हफ्ते संसद से पास हुए नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद कि वह नागरिकता संसोधन बिल को अपने राज्य में लागू होने की इजाजत नहीं देंगी, के महज कुछ दिन बाद अब इस बिल के पास होने के बाद दो और राज्यों पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भी इसे अपने राज्य में लागू नहीं करने की बात ही है।
इस बिल को भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र पर हमला बताते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को इस कहा कि 'एक अंसवैधानिक कानून' को उनके राज्य में कोई जगह नहीं मिलेगी।
बंगाल के बाद केरल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने भी कहा, 'नहीं लागू करेंगे सीएबी'
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कई बार स्पष्ट किया है कि संविधान की मूलभूत सरंचना को को कमतर नहीं किया जा सकता है। इसलिए जब ये स्पष्ट है कि ताकत के घमंड में इस असंवैधानिक कानून को पास करने के पीछे जघन्य राजनीतिक उद्देश्य हैं...तो केरल इसे लागू नहीं करेगा। धर्म के आधार पर भेदभाव की इजाजत नहीं दी जाएगी।'
इस बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्ता से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। विपक्षी दल इसे धर्मनिरेपक्ष सिदंधातों के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह ने कहा कि पंजाब विधानसभा में उनकी पार्टी के पास बहुमत है, और वह इस 'असंवैधानिक बिल' को लागू होने से रोकेंगे। उन्होंने कहा, ये कानून बेहद विभाजनकारी प्रकृति का है। कोई भी कानून जो देश को लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना चाहता है, वह गैरकानूनी और अनैतिक है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो इस बिल के बुधवार को संसज से पास होने से पहले ही इसके विरोध में अपना स्वर मुखर करते हुए कहा था, 'इस बिल से मत डरिए, जब तक हम यहां हैं, कोई भी आप पर कुछ भी थोप नहीं सकता है।' ममता बनर्जी ने सरकार द्वारा एनआरसी को पूरे देश में लागू किए जाने के बयान की भी कड़ी आलोचना की थी।
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद ये विवादित विधेयक कानून बन गया है। केरल स्थिति इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पहले ही इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुका है।