राज्यसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, समर्थन में 125 और विपक्ष में पड़े 105 मत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 08:52 PM2019-12-11T20:52:08+5:302019-12-11T21:18:04+5:30

नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया है। इस विधेयक के समर्थन में 125 और विरोध में 105 मत पड़े। शिवसेना ने वोटिंग का बहिष्कार किया है। इस विधेयक लोकसभा में सोमवार को ही पारित कर दिया गया था।

Citizenship Amendment Bill passed in Rajya Sabha too, Amit Shah answers all questions | राज्यसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, समर्थन में 125 और विपक्ष में पड़े 105 मत

राज्यसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, समर्थन में 125 और विपक्ष में पड़े 105 मत

Highlightsगृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान उठ रहे सवालों का जवाब दिया। शिवसेना ने राज्यसभा में विधेयक पर वोटिंग का बहिष्कार किया है। लोकसभा में शिवसेना ने इसका समर्थन किया था।

नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया है। इस विधेयक के समर्थन में 125 और विरोध में 105 मत पड़े। शिवसेना ने वोटिंग से बहिष्कार किया है। इस विधेयक को लोकसभा में सोमवार को ही पारित कर दिया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। 

गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को पेश करते हुए राज्यसभा में कहा, "भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में इस बात की घोषणा की थी। हमने इसे देश की जनता के सामने रखा और हमें जनसमर्थन और जनादेश मिला। हमने लिखा था कि पड़ोसी देशों से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटिजनशिप संशोधन बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान, जिन तीन देशों की सीमाएं भारत को छूती हैं, यहां के हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी लोग जो भारत में आए हैं, किसी भी समय आए हैं, उनको नागरिकता प्राप्त करने का इस बिल में प्रावधान है।" अमित शाह ने कहा कि देश के मुसलमानों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं. उन्होंने कहा, "भारतीय मुस्लिम सुरक्षित हैं और हमेशा सुरक्षित रहेंगे।"

लोकसभा में हो चुका है पारित

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 311 तो इसके विपक्ष में 80 मत पड़े। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को ही विधेयक पेश किया था। भारी हंगामे के बीच उन्होंने इसे सदन में रखा जिसका विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया। बिल को सदन में पेश किए जाने पर वोटिंग पर भी हुई जिसके बाद इस पर चर्चा शुरू हुई थी। राज्यसभा में भी पारित होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर अगर धर्म के आधार पर बंटवारा ना हुआ होता तो आज इस विधेयक को लाने की जरूरत नहीं पड़ती। अमित शाह ने कहा कि अल्पसंख्यकों को संरक्षित और संवर्धित करने का वादा भारत ने निभाया लेकिन तीनों पड़ोसी देशों ने नहीं निभाया। वो अपनी इज्जत बचाने के लिए कहां जाएंगे। पढ़िए, अमित शाह के भाषण की बड़ी बातें...

-  हम चुनावी राजनीति अपने दम पर लड़ते हैं। अपने नेता की लोकप्रियता पर लड़ते हैं। हम देश की समस्या का समाधान करते हैं। ये विधेयक ध्यान हटाने के लिए नहीं लाया गया।

- लियाकत-नेहरू समझौता होने के बाद सभी देशों के संविधान बने। अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान का राज्य धर्म इस्लाम है। ये तीनों देश हमारे देश की भौगोलिक सीमा से सटे हुए हैं।

- 6 धर्म के लोग ला रहे हैं इसकी तारीफ नहीं है। मुस्लिम नहीं ला रहे इसपर सवाल है। इन तीन देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक कहे जाएंगे क्या? जब राज्य का धर्म ही इस्लाम है तो इस्लाम के अनुयायियों पर प्रताड़ना कम हो जाती है। अगर प्रताड़ना होती है तो उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है। पिछले पांच साल में पांच सौ से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी गई है।

- हम किसी एक धर्म को नहीं ले रहे। हम तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं जो धार्मिक प्रताड़ना का शिकार हैं।

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