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नागरिकता बिलः प्रदर्शन के चलते गुवाहाटी में लगा कर्फ्यू, असम के 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक

By स्वाति सिंह | Updated: December 11, 2019 18:49 IST

विधेयक के खिलाफ बुधवार को हजारों लोग असम में सड़कों पर उतरे। राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प से राज्य में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गयी है। हालांकि, किसी भी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद, प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया है। 

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ठळक मुद्देअसम के 10 जिलों में बुधवार को शाम सात बजे से इंटरनेट सेवा अगले 24 घंटे के लिए रोकी गई है।असम में विरोध प्रदर्शन और उग्र होता जा रहा है।

नागरिकता संशोधन बिल (कैब) पर प्रदर्शन को लेकर असम के 10 जिलों में बुधवार को शाम सात बजे से इंटरनेट सेवा अगले 24 घंटे के लिए रोकी गई है। इस बात की जानकारी अधिकारीयों ने दी है। इंटरनेट सेवाओं पर यह रोक लखीमपुर, तिनसुकिया, ढेमाजी, डिब्रूगढ़, चरायदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलघाट, कामरूप मेट्रो और कामरूप जिले में लगाई गई है।

बता दें कि असम में विरोध प्रदर्शन और उग्र होता जा रहा है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने राजधानी दिसपुर में जनता भवन के नजदीक बसों को आग के हवाले कर दिया। जानकारी के मुताबिक, हिंसक होते प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन भी सतर्क हो गया है।

विधेयक के खिलाफ बुधवार को हजारों लोग असम में सड़कों पर उतरे। राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प से राज्य में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गयी है। हालांकि, किसी भी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद, प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया है। 

सचिवालय के पास प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ भिड़ंत हो गयी। दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध के मद्देनजर शांति का माहौल सुनिश्चित करने के वास्ते अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को पूर्वोत्तर भेजा जा रहा है।

 गुवाहाटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलायीं और आंसू गैस के गोले छोड़े । लोकसभा में विधेयक पारित होने वाले दिन से ही असम के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। छात्र नेताओं के मुताबिक, सचिवालय के सामने पुलिस की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। प्रशासन या पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन खबरें मिली हैं कि गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जैसे स्थानों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। 

छात्रों ने जीएस रोड पर अवरोधक को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया। छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए जिसे पुलिसकर्मियों पर छात्रों ने उठाकर फेंका। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलायीं। प्रदर्शनकारियों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच होने वाली शिखर बैठक के लिए सड़क पर लगाए गए एक मंच को भी तोड़ दिया। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के विज्ञापन वाले बैनरों को भी फाड़ दिया गया और सचिवालय के सामने उसमें आग लगा दी । 

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘प्रदेश में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है। जब तक कैब वापस नहीं लिया जाता है तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे।’’ डिब्रूगढ़ शहर में एक पॉलिटेक्निक संस्थान के निकट प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही पत्थरबाजी में एक पत्रकार भी घायल हो गया। हालांकि, बुधवार को किसी भी संगठन ने बंद नहीं बुलाया है। 

प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी हवाई अड्डे पर फंसे CM सोनोवाल

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल शहर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़े स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार को कुछ समय के लिए यहां लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंस गए। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि तेजपुर से एक हेलिकॉप्टर से वापस आने पर सोनोवाल एयरपोर्ट पर फंस गए। यह पूछे जाने पर कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़कों को बंद कर रखा था क्या इसी वजह से वह फंस गए, इस पर सूत्रों ने कहा ‘शायद’ इसी कारण। सूत्रों ने बताया कि बाद में सोनोवाल का काफिला शहर में ब्रह्मपुत्र राजकीय अतिथिगृह पहुंचा, जहां पर वह रहते हैं । असम के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है ।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बुधवार को कई ट्रेनें रद्द कर दीं और राज्य से चलने वाली कई ट्रेनों की समय-सारिणी बदल दी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा ने एक बयान में कहा कि कम से कम 14 ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है या फिर ‘ट्रेन परिचालन’ में बाधा को देखते हुए उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। दिल्ली में भी, पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों का एक समूह नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पहुंचा । प्रदर्शनकारियों ने विधेयक पर सरकार की आलोचना की और ‘हम नागरिकता संशोधन विधेयक का करते हैं विरोध’, ‘हमें चाहिए न्याय’ जैसे नारे लगाए ।

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