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आखिर कब कम हो जाएंगे कोरोना वायरस के मामले, चीन के टॉप डॉक्टर और मेडिकल एडवाइजर ने दिया जवाब

By पल्लवी कुमारी | Updated: April 2, 2020 12:00 IST

कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से दुनिया भर के देशों में फैल गया है। कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से दुनिया की आधी आबादी घर में बंद और 48 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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ठळक मुद्दे83 वर्षीय डॉ. झॉन्ग कोरोना वायरस को लेकर चीन की सरकार द्वार तैनात मुख्य टीम के चीफ भी हैं। डॉ. झॉन्ग ने कहा, कोरोना वायरस को लेकर विश्व के ज्यादातर देशों ने कड़े कदम उठाए हैं। ऐसे में मुझे उम्मीद है कि अगले चार हफ्तों में नए मामले आने लगभग बंद हो जाएंगे।  

बीजिंग: चीन के बीजिंग चीफ मेडिकल एडवाइजर और चीन के टॉप डॉक्टर डॉ. झॉन्ग  नैनशेन (Dr Zhong Nanshan) ने कहा है कि कोरोनो वायरस महामारी संभवत महीने के अंत यानी चार हफ्ते में खत्म हो सकता है। डॉ. झॉन्ग ने इसके साथ यह भी दावा किया है कि चीन में अब दोबारा कोरोना वायरल का प्रकोप देखने को नहीं मिलेगा। 83 वर्षीय डॉ. झॉन्ग कोरोना वायरस को लेकर चीन की सरकार द्वार तैनात मुख्य टीम के चीफ भी हैं। 

डेलीमेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. झॉन्ग ने यह बातें Shenzhen Television को एक दिए एक इंटरव्यू में कहा। चीन में कोरोना वायरस के फिर से वापसी पर कहा है कि ऐसा दोबारा हमारे देश में नहीं होगा क्योंकि हमने यहां कि मॉनिटरिंग सिस्टम को बहुत ज्यादा सख्त कर दिया है। 

डॉ. झॉन्ग ने बताए कोरोना वायरस से लड़ने के दो ही तरीके हैं? 

डॉ. झॉन्ग ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दो ही तरीके हो सकते हैं। पहला संक्रमण को फैलने से रोका जाए और ट्रांसमिशन रेट को सबसे कम स्तर पर लाया जाए। फिर उसे बढ़ने से रोकें।

डॉ. झॉन्ग ने कहा, तरीका ये है कि संक्रमण में देरी लाएं और अपने कुछ मरीजों की संख्या को अलग-अलग तरीकों से कम करें। ताकि इससे हमें वैक्सीन बनाने का समय मिलेगा और हम इस बीमारी को खत्म कर पाएंगे। 

डॉ. झॉन्ग ने कहा, कोरोना वायरस को लेकर विश्व के ज्यादातर देशों ने कड़े कदम उठाए हैं। ऐसे में मुझे उम्मीद है कि अगले चार हफ्तों में नए मामले आने लगभग बंद हो जाएंगे।  

चीन में लोगों को इस बात का डर है कि जो लोग कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं, उनमें फिर से कोरोना वायरस के लक्ष्ण मिल सकते हैं, जो अपने आप-पास के लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस सवाल के जवाब में डॉ. झॉन्ग ने कहा, ऐसा होने की संभावना काफी कम है। 

डॉ. झॉन्ग ने कहा, अगर फिर रेयर केस में ऐसा होता है कि कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीज फिर से पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका ट्रांसमिशन रेट काफा कम होता है...क्योंकि उस वक्त उनके शरीर में कोई लाइव वायरल नहीं होता है। 

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