जनता दरबार में नालंदा का मामला सामने आने पर गंभीर दिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
By एस पी सिन्हा | Published: August 7, 2023 05:21 PM2023-08-07T17:21:17+5:302023-08-07T17:22:06+5:30
अगस्त माह की पहली सोमवारी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में गृह विभाग, कारा विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, निगरानी विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी 72 फरियादियों की समस्याएं सुनी।
पटना: अगस्त माह की पहली सोमवारी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में गृह विभाग, कारा विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, निगरानी विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी 72 फरियादियों की समस्याएं सुनी। वहां मौजूद अधिकारियों को लोगों की समस्या का समाधान निकालने का निर्देश दिया।
जमीन संबंधी और आपराधिक मामले ज्यादा आए। कहीं स्थानीय पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही तो कहीं जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है। इस दौरान सीवान के आए स्वतंत्रता सेनानी अशोक सिंह जनता दरबार में पहुंचे। उन्होंने कहा कि सर दो साल पर तो जनता दरबार का नंबर आया है। मुख्यमंत्री ने पूछा कि आप जेल में कब थे? तब अशोक सिंह ने कहा कि 1974 में हम जेल में थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊ तो ठिके है जेपी सेनानी हैं तो जेलवा तो हइये है। हम लोग भी तो जेलवे में ना थे। अशोक सिंह कहा कि सीवान, छपरा और बक्सर जेल में 9 महीना रहे। 1 जून 1975 को गिरफ्तार हुए, जिसके बाद इमरजेंसी लग गया। 1976 में हाजिर हुए। लेकिन आज तक पेंशन नहीं मिला। अशोक सिंह फिर कहते हैं कि जब हम बक्सर जेल में थे तब आप भी वही थे सर।
अशोक सिंह की बात सुनकर मुख्यमंत्री हैरान रह गये। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि जेपी सेनानी वाले व्यक्ति हैं नौ महीना जेल में थे। सीवान से आए हैं इन्हें पेंशन नहीं मिल रहा है, इसे दिखवाईए। वहीं, नालंदा से पहुंचे एक फरियादी की शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौंक गए। मामला नालंदा से जुड़ा था इसलिए नीतीश कुमार ने और ध्यान से सुना।
पूरा मामला जमीन पर अवैध कब्जा से जुड़ा था। स्कूल की जमीन पर ही दबंगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। नालंदा के नूरसराय स्थित बेगमपुर गांव से संजय कुमार सिंह शिकायत लेकर पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि बेगमपुर में एक पुस्तकालय की जमीन थी जिसको कुछ दबंगों ने तोड़कर घर बना लिया। सीओ साहब को बोलकर थक गए। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने अपने पास खड़े अधिकारी से कहा कि राजस्व विभाग को फोन लगाओ। पूरी जानकारी देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि दिखाइए इसको। जब नालंदा में यह सब हो रहा है तब तो इसको ठीक से देखिए।