प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा- न्यायपालिका पिछले कुछ वक्त से अभूतपूर्व तरीके से अमर्यादित कृत्यों में बढ़ोतरी की गवाह बन रही है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2019 02:09 PM2019-08-16T14:09:23+5:302019-08-16T14:09:23+5:30

गोगोई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय समेत सभी अदालतों में अमर्यादित व्यवहार ने अपना सिर उठाया है। उन्होंने कहा, “भारतीय न्यायपालिका पिछले कुछ वक्त से अभूतपूर्व तरीके से अमर्यादित कृत्यों में बढ़ोतरी की गवाह बन रही है...अशिष्ट व्यवहार के ऐसे मामलों ने उच्चतम न्यायालय समेत सभी अदालतों में अपना सिर उठाया है।

Chief Justice Ranjan Gogoi said - the judiciary has been witnessing an unprecedented increase in indefinite acts in recent times | प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा- न्यायपालिका पिछले कुछ वक्त से अभूतपूर्व तरीके से अमर्यादित कृत्यों में बढ़ोतरी की गवाह बन रही है

इस दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे।

Highlightsगोगोई ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि पक्षकार तेजी से इनकी पहचान कर उन्हें अलग-थलग करें।उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संस्थान की व्यवस्था और गरिमा बनी रहे।गरिमापूर्ण और सुखद विचार-विमर्श और बहस को मुखर और प्रेरित आचरण से प्रतिस्थापित किया जा रहा है

भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका “अमर्यादित” आचरण के अभूतपूर्व तरीके से बढ़ते मामलों की गवाह बन रही है।

उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि गरिमापूर्ण तरीके से होने वाली चर्चाओं और बहस की जगह अदालतों में “मुखर” आचरण अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि पक्षकारों द्वारा न्यायपालिका की गरिमा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये इनकी तेजी से पहचान हो और इन्हें अलग-थलग किया जाए।

प्रधान न्यायाधीश यहां सर्वोच्च न्यायालय के लॉन में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे।

गोगोई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय समेत सभी अदालतों में अमर्यादित व्यवहार ने अपना सिर उठाया है। उन्होंने कहा, “भारतीय न्यायपालिका पिछले कुछ वक्त से अभूतपूर्व तरीके से अमर्यादित कृत्यों में बढ़ोतरी की गवाह बन रही है...अशिष्ट व्यवहार के ऐसे मामलों ने उच्चतम न्यायालय समेत सभी अदालतों में अपना सिर उठाया है। गरिमापूर्ण और सुखद विचार-विमर्श और बहस को मुखर और प्रेरित आचरण से प्रतिस्थापित किया जा रहा है।”

गोगोई ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि पक्षकार तेजी से इनकी पहचान कर उन्हें अलग-थलग करें। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संस्थान की व्यवस्था और गरिमा बनी रहे।” 

Web Title: Chief Justice Ranjan Gogoi said - the judiciary has been witnessing an unprecedented increase in indefinite acts in recent times

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