भारत के प्रधान न्यायाधीश ने मां, मातृभाषा और मातृभूमि के सम्मान पर जोर दिया
By भाषा | Updated: December 24, 2021 01:21 IST2021-12-24T01:21:22+5:302021-12-24T01:21:22+5:30

भारत के प्रधान न्यायाधीश ने मां, मातृभाषा और मातृभूमि के सम्मान पर जोर दिया
हैदराबाद, 23 दिसंबर भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने बृहस्पतिवार को टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के प्रबंध निदेशक कृष्णा एला और कई अन्य लोगों को उनकी मेधावी सेवाओं के लिए डॉ. रामिनेनी फाउंडेशन पुरस्कार प्रदान किए।
प्रधान न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार रात पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि तेलुगु भाषी लोगों में अपनी महान उपलब्धियों के बावजूद साथी तेलुगु लोगों को कम आंकने की प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रथा या 'गुलामी की मानसिकता' को त्याग दिया जाना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने भारत बायोटेक के कोविड-रोधी टीके 'कोवैक्सीन' और इसके निर्माण के लिये कंपनी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक ओर विभिन्न अध्ययनों में कहा गया है कि स्वदेशी रूप से निर्मित कोवैक्सीन प्रभावी है, तो कई लोगों ने इसकी इसलिये आलोचना की क्योंकि इसे देश में बनाया गया था। कुछ ने इसके खिलाफ डब्ल्यूएचओ से शिकायत की थी।
उन्होंने कहा कि साथी तेलुगु लोगों की महानता को उजागर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने मां, मातृभाषा और मातृभूमि के सम्मान की परंपरा को जारी रखने पर जोर दिया और तेलुगु भाषा को बढ़ावा देने के प्रयासों का आह्वान किया।
पुरस्कार पाने वालों में भारत बायोटेक के कृष्णा एला और सुचित्रा एला, नाबार्ड के अध्यक्ष जी आर चिंताला, तेलुगु फिल्मों के दिग्गज हास्य अभिनेता ब्रह्मानंदम, प्रसिद्ध तेलुगु अभिनेत्री और एंकर सुमा कनकला शामिल हैं।
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