आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि यह विचार खतरनाक चलन है कि सिर्फ हिंदी ही देश को एकजुट कर सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा हाल ही में देश में एक भाषा की पैरवी किए जाने की पृष्ठभूमि में चिदंबरम ने यह बयान दिया है। हालांकि, हिंदी पर अपने बयान से उठे विवाद को शांत करने का प्रयास करते हुए शाह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने देश में कहीं भी हिंदी थोपने की बात कभी नहीं की बल्कि दूसरी भाषा के तौर पर इसके इस्तेमाल की वकालत की।
चिदंबरम की तरफ से उनके परिवार ने उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह विचार खतरनाक है कि सिर्फ हिंदी ही इस देश को एकजुट कर सकती है। तमिल लोग और दूसरी अन्य भाषाओं के लोग भी हिंदी को थोपे जाने को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’’
चिदंबरम ने तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी से आग्रह किया कि हिंदी को थोपने के विरोध में 20 सितंबर को द्रमुक द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी शामिल होने के लिए कहा जाए। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पांच सितंबर को चिदंबरम को, सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 19 सितंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि हम, तमिलनाडु में कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेंगे। हिंदी इस देश की एकजुट ताकत नहीं है। हम 20 सितंबर को DMK द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिंदी के मुखर रूप से लागू होने का विरोध करेंगे।