CBI ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया, कहा- निजी लाभ के लिए पद का दुरूपयोग किया

By भाषा | Published: October 16, 2019 05:44 AM2019-10-16T05:44:08+5:302019-10-16T05:46:11+5:30

शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में जांच एजेंसी ने कहा कि उन्हें जमानत देना न सिर्फ ‘भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की शीर्ष अदालत की नीति’ के खिलाफ होगा, बल्कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में ‘गलत नजीर’ पेश करेगा।

Chidambaram abused high office with impunity for personal gains, CBI tells SC while opposing bail | CBI ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया, कहा- निजी लाभ के लिए पद का दुरूपयोग किया

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Highlightsसीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत की मांग करने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की याचिका का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया है।जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि जिस ‘निर्लज्जता’ और ‘दंडाभाव’ से उन्होंने ‘निजी लाभ’ के लिये वित्त मंत्री के पद का दुरुपयोग किया वह उन्हें राहत मांगने के लिये अयोग्य बनाता है।

सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत की मांग करने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की याचिका का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि जिस ‘निर्लज्जता’ और ‘दंडाभाव’ से उन्होंने ‘निजी लाभ’ के लिये वित्त मंत्री के पद का दुरुपयोग किया वह उन्हें राहत मांगने के लिये अयोग्य बनाता है।

शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में जांच एजेंसी ने कहा कि उन्हें जमानत देना न सिर्फ ‘भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की शीर्ष अदालत की नीति’ के खिलाफ होगा, बल्कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में ‘गलत नजीर’ पेश करेगा। सीबीआई ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा, ‘‘मौजूदा मामला आर्थिक अपराध का है, जो खुद ही अलग वर्ग है और उसे गंभीरतम अपराध माना जाता है जो लोक प्रशासन की शुचिता और सत्यनिष्ठा की जड़ को ही काट देता है।’’

सीबीआई ने कहा, ‘‘अपराध की प्रकृति और जिस निर्लज्जता और दंडाभाव से देश के वित्त मंत्री के तौर पर याचिकाकर्ता/आरोपी ने निजी लाभ के लिये अपने पद का दुरुपयोग किया, वह उन्हें जमानत मांगने के लिये अयोग्य बनाता है।’’ एजेंसी ने दावा किया कि मामले में चिदंबरम के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं और उनके खिलाफ ‘‘मजबूत मामला बनाया गया है।’’

सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ दोष साबित करने वाले पुख्ता सबूतों के मद्देनजर उन्हें कोई राहत नहीं दी जानी चाहिये। एजेंसी ने कहा, ‘‘अगर आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि न्याय में बाधा पहुंचाई जाएगी। मामले के मुख्य गवाहों को अपने बयानों से पलटने के लिए प्रभावित करने का आरोपी/ याचिकाकर्ता द्वारा पहले ही प्रयास किया जा चुका है।’’

सीबीआई ने हलफनामे में दावा किया, ‘‘अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो प्रतिवादी सीबीआई को विश्वास है कि याचिकाकर्ता / आरोपी अप्रत्यक्ष साधनों के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने का एक और प्रयास करेगा।’’

एजेंसी ने आरोप लगाया कि अगर जमानत पर रिहा किया जाता है, तो चिदंबरम के फरार होने या भागने का वास्तविक और स्पष्ट खतरा है। इस बीच, आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए चिदंबरम ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से यह कहते हुए जमानत मांगी कि जांच एजेंसी उन्हें ‘अपमानित’ करने के लिए जेल में रखना चाहती है।

चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि उनकी पार्टी के सहयोगी या उनके परिवार के सदस्यों पर किसी भी गवाह से संपर्क करने या उन्हें प्रभावित करने का प्रयास करने का कोई आरोप नहीं है।

चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और वह भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। चिदंबरम 2004 से 2014 तक संप्रग-1 और संप्रग-2 सरकारों के दौरान केंद्रीय वित्त और गृह मंत्री थे।

वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी)की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। 

Web Title: Chidambaram abused high office with impunity for personal gains, CBI tells SC while opposing bail

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