छत्तीसगढ़ चुनावः बस्तर में बढ़ी नक्सलियों की हलचल, मतदान से पहले नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश में जुटे जवान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 5, 2018 05:38 AM2018-11-05T05:38:10+5:302018-11-05T05:38:10+5:30

पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव को लेकर नक्सलियों की बयानबाजी सिर्फ दहशत फैलाने का तरीका है। असल खतरा मिलिट्री बटालियन की गतिविधियों से है।

chhattisgarh: security personnels searching Naxal commander Hidma before polling | छत्तीसगढ़ चुनावः बस्तर में बढ़ी नक्सलियों की हलचल, मतदान से पहले नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश में जुटे जवान

छत्तीसगढ़ चुनावः बस्तर में बढ़ी नक्सलियों की हलचल, मतदान से पहले नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश में जुटे जवान

बस्तर में मतदान की तारीख जैसे-जैसे निकट आ रही है नक्सली हलचल तेज होती जा रही है। जगह-जगह चुनाव बहिष्कार का नक्सली प्रोपेगंडा चल रहा है। नक्सली चुनाव में गड़बड़ी करने पर आमादा हैं तो फोर्स भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। मतदान से पहले जंगलों में सर्चिंग अभियान तेज किया गया है। फोर्स दुर्दांत नक्सली कमांडर माडवी हिडमा की तलाश में है। अगर उसकी लोकेशन का पता चल गया तो चुनाव में गड़बड़ी करने के नक्सली मंसूबे ध्वस्त हो सकते हैं।

असल खतरा मिलिट्री बटालियन

पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव को लेकर नक्सलियों की बयानबाजी सिर्फ दहशत फैलाने का तरीका है। असल खतरा मिलिट्री बटालियन की गतिविधियों से है। इसे ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है। सुकमा के जगरगुंडा इलाके से बीजापुर के बासागुड़ा और उसके आगे इंद्रावती नदी के पार अबूझमाड तक प्रवेश के हर रास्ते पर खुफिया निगरानी का तंत्र विकिसत किया गया है।

बड़ी वारदात की फिराक में

नक्सली कमांडर गणोश उइके ने बयान जारी किया है कि चुनाव में नेता आएं तो उन्हें मार भगाओ, नेताओं को जन अदालत में लाओ। इन धमकियों के बावजूद नक्सलगढ़ में चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं। मतदान दल जंगल में रवानगी के लिए तैयार हैं। नेता अंदरूनी गांवों तक प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन नक्सली अचानक किसी बड़ी वारदात की फिराक में हमेशा रहते हैं। इसे ध्यान में रखकर हर कदम फूंक-फूंककर उठाया जा रहा है। जंगल के चप्पे-चप्पे पर सर्चिंग की जा रही है। जमीन में गड़े विस्फोटकों की तलाश हो रही है। छिटपुट घटनाओं के बाद सतर्कता बढ़ाई गई है। अंतरराज्यीय सीमा से कोई नक्सली यहां न आने पाए इसका पुख्ता इंतजाम किया गया है।

हिडमा के चेहरे से अनजान है पुलिस

दरअसल हिडमा ही वह कमांडर है जो बस्तर में बडी नक्सली वारदातों के लिए जिम्मेदार रहा है। नक्सलियों ने सुकमा-बीजापुर इलाके में पहली बटालियन तैयार की है, हिडमा उसका कमांडर है। वह साउथ सब जोनल कमेटी का भी हेड है। कौन है हिडमा यह अभी तक रहस्य बना हुआ है लेकिन कई बड़े नक्सली नेताओं से पूछताछ में सुरक्षाबलों को उसकी मौजूदगी के बारे में पता चला है। हिडमा की असल तस्वीर भी फोर्स के पास नहीं है। सुरक्षा बलों की पूरी कोशिश है कि चुनाव के दौरान हिडमा और उसके लड़ाकों को उनकी मांद में समेटे रखा जाए।

चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहता है हिडमा

हिडमा चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहता है। कई बार उसकी लोकेशन तक फोर्स के पास पहुंच चुकी है लेकिन उसकी सुरक्षा में तैनात नक्सली अपनी जान देकर उसे बचाते रहे हैं। उसे मारने में बहुत खूनखराबा होने की आशंका है इसलिए फोर्स सतर्कता बरत रही है। कुछ महीने पहले सरेंडर करने वाले नक्सली कमांडर पहाड़ सिंह से हिडमा के बारे में काफी सूचनाएं मिली हैं। इन सूचनाओं के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है।

क्यों हो रही है हिडमा की तलाश

हिडमा झीरम में कांग्रेस नेताओं की हत्या, ताडमेटला में 76 जवानों की हत्या, बुरकापाल में सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या, कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण जैसी बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। वह नक्सल फोर्स का मुख्य कमांडर है। इसलिए उसकी तलाश जरूरी है।

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