छत्तीसगढ़ चुनाव 2018: बीजेपी-कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता थर्राए, इन इलाकों में जाने की हिम्मत नहीं- कैसे होगा प्रचार?

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 30, 2018 04:41 PM2018-10-30T16:41:11+5:302018-10-30T16:41:11+5:30

Chhattisgarh Elections 2018: नक्सलियों ने जो भी संकेत दिए हैं उससे यह अंदाजा लगाना गलत नहीं है कि वे चुनाव के समय मतदान को हतोत्साहित कर सकते हैं।

Chhattisgarh Elections 2018: BJP-Congress workers dines to campaign in naxal area | छत्तीसगढ़ चुनाव 2018: बीजेपी-कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता थर्राए, इन इलाकों में जाने की हिम्मत नहीं- कैसे होगा प्रचार?

हमले दौरान यह संदेश मिला

-सुधीर जैन

बस्तर संसदीय चुनाव क्षेत्र के बिसात बिछ चुकी है और प्रमुख रूप से कांग्रेस तथा भाजपा आमने सामने हैं, वहीं भाकपा दोनों की लड़ाई में फायदा उठाने की कोशिश में लगी है। बस्तर की भौगोलिक परिस्थिति तथा मौसम के तीखे तेवर सहित 70 फीसदी से अधिक नक्सली ग्रस्त चुनाव क्षेत्र होने से प्रचार में नेता और दल बड़ी कठिनाई का सामना कर रहे हैं, वहीं नक्सली प्रभातिव क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं ने प्रचार करने से इंकार कर दिया है इससे और अधिक स्थिति बिगड़ रही है। जो भी चुनावी शोरगुल और हल्ला प्रचार का दिखाई पड़ रहा है वह केवल कस्बाई व शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है। 

इस चुनाव में अभी तक नक्सलियों ने जो भी संकेत दिए हैं उससे यह अंदाजा लगाना गलत नहीं है कि वे चुनाव के समय मतदान को हतोत्साहित कर सकते हैं। उन्होंने अभी दो दिन पूर्व दंतेवाड़ा मुख्यालय के पास ही भाजपा के कद्दावर नेता सदानंद पोडिय़ाम पर कातिलाना हमला कर अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है।

इस हमले से समूचे क्षेत्र में नक्सलियों की दहशत फैल गई है। लोग सकते में है और कार्यकर्ताओं पर भी इसका गंभीर असर हुआ है। नतीजतन कार्यकर्ता नक्सली प्रभावित क्षेत्र के गांवों में प्रचार करने से परहेज कर रहे हैं। इससे राजनीतिक दलों व नेताओं में सब कुछ भगवान भरोसे छोडक़र सीमित क्षेत्रों में ही प्रचार करने की कवायद तेज हो गई है।

पिछले हफ्ते भर से नक्सलियों ने बारूदी सुंरग विस्फोट से चार जवानों को शहीद कर दो को घायल कर दिया और भाजपा नेता पर प्राणघातक हमला किया उससे यह तो सुनिश्चित है कि चुनाव तक पुलिस व राजनीतिज्ञों को भारी सतर्क रहना होगा और कदम पर फूंक-फूंक उठाना होगा क्योंकि यह नंगा सत्य है कि बस्तर के जंगल में कदम कदम पर मौत का सामाना बिछा हुआ है।


नक्सलियों की हालिया हिंसक कार्रवाईयों की प्रकृति एवं हमलों के तौर तरीकों से यह कहने में कोई संकोच नहीं कि चुनावी प्रक्रिया तहस नहस करने भारी संख्या में खूंखार किस्म के लड़ाकू दल के नक्सलियों की घुसपैठ हो चुकी है और वे अपने खतरनाक इरादे संजोये संभाग के कोने -कोने में छितरा गए हैं।

(सुधीर जैन लोकमत समाचार से जुड़े हुए हैं।)

Web Title: Chhattisgarh Elections 2018: BJP-Congress workers dines to campaign in naxal area

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