छत्तीसगढ़: 'न्यू इंडिया' के दौर में नाली का पानी पीने को मजबूर दंतेवाड़ा के ग्रामीण
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 22, 2018 11:01 AM2018-05-22T11:01:44+5:302018-05-22T11:37:29+5:30
एक ओर जहां देश अपने विकास, आधुनिकता और न्यू इंडिया के जरिए दुनिया भर में अपन नई पहचान बना रहा है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का एक गांव अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। आज आई एक तस्वीर को देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गांव का एक बच्चा नाले से पीने का पानी भर रहा है।
नई दिल्ली, 22 मई। एक ओर जहां देश अपने विकास, आधुनिकता और न्यू इंडिया के जरिए दुनिया भर में अपन नई पहचान बना रहा है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का एक गांव अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। आज आई एक तस्वीर को देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गांव का एक बच्चा नाले से पीने का पानी भर रहा है। ऐसा नहीं है कि यहां सूखा पड़ा है लेकिन असल समस्या पानी के संसाधनों जैसे कुएं और हेण्डपंप का न होना है।
गांव की इस समस्या के बारे में जब दंतेवाड़ा कलेक्टर और डीएम सौरभ कुमार से बात की तो उन्होंने इस समस्या को अपने अधिकारियों से दिखवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर हेण्डपंप की कमी है तो जल्द ही गांव में नए हेण्डपंप लगवाए जाएंगे।
A village in Dantewada is deprived of water. Locals are compelled to dig out water from near a drain. Collector Saurabh Kumar says 'We will look into the matter, if there is a shortage of hand pumps then we will install them' #Chhattisgarhpic.twitter.com/BwdbH8Elci
— ANI (@ANI) May 22, 2018
बता दें कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में से एक दंतेवाड़ा भारत की सबसे पुरानी बसाहटों में से एक है। यहां के लोगों ने अपना जीवन जीने का तरीका अब तक नहीं बदला है। इस शहर का नाम इस क्षेत्र की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के नाम से पड़ा है। ये जिला और इसके आसपास का इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। आए दिन यहां नक्सली मुठभेड़ की घटनाएं होती रहती है।