Chhath Puja 2021: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया महापर्व छठ पूजा
By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2021 06:45 PM2021-11-11T18:45:12+5:302021-11-11T18:46:12+5:30
Chhath Puja 2021: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अर्घ्य देने वाली मुद्रा में मूर्ति स्थापित किये जाने के बाद सियासत तेज हो गई है.
Chhath Puja 2021: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हो गया. महापर्व छठ उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया. इस दौरान पटना के एक पूजा पंडाल में भगवान भास्कर की मूर्ति के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अर्घ्य देने वाली मुद्रा में मूर्ति स्थापित किये जाने के बाद सियासत तेज हो गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना के संपतचक में भगवान भास्कर की मूर्ति तो स्थापित की गई, लेकिन उसके साथ तेजस्वी यादव की मूर्ति भी स्थापित कर दी गई. इसके बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया और राजनीतिक बहस शुरू हो गई है.
हालांकि, राजद समर्थक कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की प्रतिमा को भगवान भास्कर की प्रतिमा के साथ में स्थापित करने को उचित ठहराया, जबकि कुछ लोगों को कहना है कि यह भगवान का अपमान है. ऐसे में नवयुवक सूर्या क्लब बंडोह के अध्यक्ष विनोद कुमार का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष अंधकार में प्रकाश लाएंगे.
जिस दिन प्रतिमा स्थापित की गई, उसी दिन तेजस्वी यादव अपना 32वां जन्मदिन मना रहे थे. राजद समर्थकों ने इसे यादगार बनाने के लिए भगवान भास्कर की प्रतिमा के साथ उनकी प्रतिमा की स्थापित कर दी. राजद नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव की मूर्ति भगवान भाष्कर को अर्ध्य देने की मुद्रा में स्थापित की गई है.
राजद नेताओं का कहना है कि जिस तरह भगवान सूर्य ने सारे संसार को रौशन करते हैं, उसी तरह तेजस्वी हमारे बिहार को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएंगे. युवाओं को रोजगार से वंचितों को उनके अधिकार दिलाने का काम करेंगे.
वहीं, महुआ से राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि तेजस्वी की मूर्ति लगने से विपक्ष के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए. जबकि पार्टी नेता अनिल कुमार ने कहा कि सूर्य भगवान की प्रतिमा का विसर्जन होगा लेकिन तेजस्वी की प्रतिमा का नहीं. यह प्रतिमा निजी जमीन पर स्थापित की गई है.