हवा का रुख बदलने से दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत पर आई : सफर
By भाषा | Published: November 3, 2020 06:49 PM2020-11-03T18:49:05+5:302020-11-03T18:49:05+5:30
नयी दिल्ली, तीन नवंबर केंद्र सरकार की पूर्वानुमान एजेंसी के मुताबिक मंगलवार को हवा की दिशा बदलने की वजह से दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषकों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत पर आ गई।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ के मुताबिक सोमवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3,068 घटनाएं दर्ज की गईं।
एजेंसी ने बताया कि लंबे समय बाद मंगलवार को सतह के नजदीक की हवा की दिशा दक्षिण पश्चिम की तरफ हुई जो पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को दिल्ली तक पहुंचने में सहायक नहीं होती।
सफर ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण पीएम-2.5 में पराली जलाने की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय कमी आई है और मंगलवार को इसके 10 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
सफर ने कहा कि हवा की प्रतिकूल दिशा की वजह से पराली जलाने की अधिक संख्या के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर कम असर का यह उदाहरण है और यह दिखाता है कि कैसे मौसम इसमें निर्णायक भूमिका निभाता है।
एजेंसी के मुताबिक सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी जबकि रविवार को यह हिस्सेदारी 40 प्रतिशत थी जो इस मौसम में सबसे अधिक थी।
सफर के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार, शुक्रवार और बृहस्पतिवार को क्रमश: 32,19 और 36 प्रतिशत रही।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी सबसे अधिक 44 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
सफर का पूर्वानुमान है कि बुधवार और बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक गिरावट दर्ज की जाएगी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता गत 24 घंटे में आंशिक सुधार के बाद मंगलवार दोपहर के बाद फिर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में चली गई।
भारत के मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को तेज हवाओं की वजह से प्रदूषकों के बिखरने से वायु गुणवत्ता में सुधार आया था, लेकिन रात को हवा में स्थिरता और ठंड की वजह से फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में दोपहर तीन बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 311 दर्ज किया गया जबकि गत 24 घंटे का औसत 293 रहा जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 था। दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की भागीदारी 40 प्रतिशत रही।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।