Chandrayaan 3 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से अपने तीसरे चंद्र अन्वेषण मिशन, चंद्रयान -3 के प्रक्षेपण के साथ एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। इसरो की वेबसाइट पर इसे लाइव देख सकते हैं। www.isro.co. in। इसे आप डीडी न्यूज पर भी देख सकते हैं।
पूरी दुनिया शुक्रवार को भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वहीं भुवनेश्वर के ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) के तकनीशियन और छात्र इस यान को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करता देखने के लिए उत्सुक हैं। सीटीटीसी भुवनेश्वर ने इस अभियान के लिए अहम घटकों की आपूर्ति की है।
चंद्रयान-3 मिशन लॉन्चः
- चंद्रयान 3 शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे लॉन्च होने वाला है।
इसकी लॉन्च विंडो 19 जुलाई तक बढ़ गई है।
2xS200 इग्निशन - रॉकेट इंजन 0 सेकंड पर प्रज्वलित होते हैं।
L110 इग्निशन - L110 इंजन 108 सेकंड पर प्रज्वलित होते हैं।
2xS200 पृथक्करण - दो साइड बूस्टर (2xS200) 127 सेकंड में अलग हो जाते हैं।
पीएलएफ पृथक्करण - पेलोड फेयरिंग 195 सेकंड पर अलग हो जाता है।
L110 पृथक्करण - L110 इंजन 306 सेकंड पर अलग हो जाते हैं।
C25 इग्निशन - C25 इंजन 308 सेकंड पर प्रज्वलित होता है।
C25 शट-ऑफ - C25 इंजन 954 सेकंड पर बंद हो जाता है।
उपग्रह पृथक्करण - उपग्रह 969 सेकंड पर रॉकेट से अलग हो जाता है।
चंद्रमा तक यात्रा - मॉड्यूल लॉन्च होने के बाद चंद्रमा तक पहुंचने के लिए लगभग एक महीने की यात्रा करेगा।
चंद्रमा पर लैंडिंग - लैंडिंग की योजना 23-24 अगस्त को बनाई गई है, लेकिन चंद्रमा के सूर्योदय के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है।
यदि देरी होती है, तो इसरो सितंबर के लिए लैंडिंग का कार्यक्रम पुनर्निर्धारित करेगा।
चंद्रयान-3 में योगदान देने वाले सीटीटीसी भुवनेश्वर को उसके प्रक्षेपण, ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का इंतजार
संस्थान के महाप्रबंधक एल राजशेखर ने कहा, “हम व्याकुल हैं और परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र जैसा महसूस कर रहे हैं। हम अत्यधिक आशावादी हैं कि इस बार भारत इतिहास रचेगा।” देशभर में कुल 23 सीटीटीसी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कार्यों को बेहद सटीकता और निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरा करने के भुवनेश्वर केंद्र के रिकॉर्ड को देखते हुए उसे इस मिशन के लिए चुना। राजशेखर कहते हैं कि तकनीशियनों के समर्पित प्रयासों के बलबूते सीटीटीसी भुवनेश्वर को मिशन का हिस्सा बनने का दुर्लभ मौका मिल सका।
भुवनेश्वर स्थित इस सरकारी उपक्रम (पीएसयू) ने चंद्रयान-3 प्रक्षेपण वाहन के एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), सेंसर और रेग्युलेटर में इस्तेमाल किए जाने वाले कई प्रवाह नियंत्रण वाल्व का निर्माण किया है। संस्थान ने यान के लिए गाइरोस्कोप और प्रक्षेपक के कलपुर्जों की भी आपूर्ति की है।
सीटीटीसी भुवनेश्वर ने अगले महीने के अंत में चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए लैंडर के पहिया तंत्र के कुछ घटकों का भी निर्माण किया है। राजशेखर ने कहा कि 2019 में चंद्रयान-2 के दौरान चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में आंशिक विफलता के बाद इसरो ने वाहन लैंडर के डिजाइन में कुछ बदलाव किए हैं।
उन्होंने बताया कि इस अंतरिक्ष मिशन के लिए नये घटकों का इस्तेमाल करने से पहले उनका कई बार परीक्षण किया गया। राजशेखर ने कहा कि चंद्र मिशन में इस्तेमाल होने वाले 50,000 से ज्यादा अहम घटकों के निर्माण के लिए 150 से अधिक तकनीशियनों ने पिछले दो वर्षों में दिन-रात काम किया।
महाराष्ट्र: औरंगाबाद के निकाय स्कूल ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण दिखाएंगे
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में निकाय स्कूलों के छात्रों को शुक्रवार (14 जुलाई) को देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण देखने को मिलेगा। औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के लिए चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि प्रक्षेपण के दौरान छात्रों को विशेषज्ञों के जरिए चंद्रयान-3 के बारे में पूरी जानकारी भी दी जाएगी। ‘चंद्रयान-3’ कल अपराह्न दो बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा।