चंद्रयान-2 से भारत को भविष्य में मिलेगी मदद: नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री जेरी लिनेंगर
By भाषा | Published: September 7, 2019 02:12 PM2019-09-07T14:12:43+5:302019-09-07T14:12:43+5:30
अंतरिक्ष यात्री जेरी लिनेंगर ने कहा, ‘‘ ऑर्बिटर अगले एक साल तक बहुमूल्य जानकारी देना जारी रखेगा। ऑर्बिटर से आ रहे संकेत बता रहे हैं कि सभी प्रणालियां ठीक से काम कर रही हैं।’’
नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री जेरी लिनेंगर ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारत की ‘साहसिक कोशिश’ से मिला अनुभव भविष्य के मिशन में सहायक होगा। साल 1986 से 2001 तक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित रूसी अंतरिक्ष केंद्र मीर में लिनेंगर पांच महीने तक रहे थे।
लिनेंगर शुक्रवार को नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के लाइव टेलीकास्ट में शामिल हुए। ईमेल के जरियो ‘पीटीआई’ को दिए साक्षात्कार में लिनेंगर ने कहा, ‘‘ हमें इससे हताश नहीं होना चाहिए। भारत कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहा है जो बहुत ही कठिन है। लैंडर से संपर्क टूटने से पहले सबकुछ योजना के तहत था।’’
लिनेंगर ने इंगित किया कि दुर्भाग्यवश लैंडर चंद्रमा की सतह से 400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होवर प्वाइंट तक नहीं पहुंच सका। उन्होंने कहा,‘‘ अगर वह उस बिंदु पर पहुंच जाता और उसके आगे असफल होता तब भी बहुत लाभ होता क्योंकि रडार अल्टीमीटर और लेजर का प्रशिक्षण हो जाता, लेकिन जब आप पीछे मुड़़कर बड़ी तस्वीर देखते हैं, तो यह कोशिश निश्चित तौर पर आने वाले अभियानों के लिए लाभदायक होगी।’’
एक अंतरिक्ष यात्री और विशेषज्ञ के तौर पर लिनेंगर ने कहा कि मिशन बहुत ही सफल रहा। उन्होंने कहा, ‘‘ ऑर्बिटर अगले एक साल तक बहुमूल्य जानकारी देना जारी रखेगा। ऑर्बिटर से आ रहे संकेत बता रहे हैं कि सभी प्रणालियां ठीक से काम कर रही हैं।’’ उन्होंने इसरो को इस मुश्किल मिशन के लिए बधाई दी।