Chandrayaan-2 के सफल परीक्षण पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- ये विशेष पल हमारे गौरवशाली इतिहास में रचे जाएंगे
By रामदीप मिश्रा | Published: July 22, 2019 03:52 PM2019-07-22T15:52:30+5:302019-07-22T15:57:27+5:30
Chandrayaan-2: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलसिले बार चार ट्वीट किए हैं और इसरो को चंद्रयान-2 के सफल लॉन्चिंग की बधाई दी है।
भारत ने सोमवार (22 जुलाई) को एक नया इतिहास रचा है और दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है। दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया है। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलसिले बार चार ट्वीट किए हैं और इसरो को चंद्रयान-2 के सफल लॉन्चिंग की बधाई दी है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये विशेष पल हमारे गौरवशाली इतिहास में रचे जाएंगे! चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण हमारे वैज्ञानिकों और 130 करोड़ भारतीयों के विज्ञान के नए स्तरों को निर्धारित करने के संकल्प को दर्शाता है। आज हर भारतीय को गर्व है!'
उन्होंने कहा, 'दिल में भारतीय, आत्मा में भारतीय! यह तथ्य जानकर हर भारतीय को बहुत खुशी होगी चंद्रयान-2 पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। यह चंद्रमा की रिमोट सेंसिंग के लिए एक ऑर्बिटर होगा और चंद्र सतह के विश्लेषण के लिए लैंडर-रोवर मॉड्यूल भी होगा।'
पीएम ने कहां, 'चंद्रयान-2 अद्वितीय है क्योंकि यह चंद्र क्षेत्र के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर अध्ययन करेगा, जो किसी भी पिछले मिशनों में नहीं किया गया है। यह मिशन चंद्रमा के बारे में नया ज्ञान प्रदान करेगा।'
उन्होंने कहा, 'चंद्रयान 2 जैसे प्रयास हमारे युवाओं को विज्ञान, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार की ओर प्रोत्साहित करेंगे। चंद्रयान के लिए धन्यवाद, भारत के लूनार प्रोग्राम को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा। चंद्रमा के बारे में हमारी मौजूदा ज्ञान काफी बढ़ेगा।'
Efforts such as #Chandrayaan2 will further encourage our bright youngsters towards science, top quality research and innovation.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2019
Thanks to Chandrayaan, India’s Lunar Programme will get a substantial boost. Our existing knowledge of the Moon will be significantly enhanced.
वहीं सफलतापूर्वक प्रक्षेपण होने के बाद इसरो के चीफ के. सिवन ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि GSLVMkIII-M1 ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कराया है। यह वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने के लिए दक्षिण ध्रुव के पास एक स्थान पर चाँद की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है।'
आपको बता दें कि चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण किया गया है। इसे बाहुबली नाम के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-एमके तृतीय यान से भेजा गया। ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है। इससे चांद के बारे में समझ सुधारने में मदद मिलेगी, जिससे ऐसी नई खोज होगी जिनका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा।
तीन चरणों का 3,850 किलोग्राम वजनी इस अंतरिक्ष यान ने ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर आकाश की ओर उड़ान भरी।
पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद इसरो भू-समकालिक प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एमके तृतीय से 978 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण किया। इसे चांद तक पहुंचने में 54 दिन लगेंगे।