Champai Soren Cabinet: हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना बनीं विधायक, अब मंत्री बनकर चंपई सरकार पर रखेगी नजर, जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री ऐसे...
By एस पी सिन्हा | Updated: June 13, 2024 17:51 IST2024-06-13T17:50:12+5:302024-06-13T17:51:44+5:30
Champai Soren Cabinet: सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में 15 मई को गिरफ्तार किया था।

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Champai Soren Cabinet: रांची के जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब सत्ता पर अपने परिवार का पकड बढाने के प्रयास में जुट गए हैं। चर्चा है कि हेमंत सोरेन की पत्नी एवं गांडेय विधान सभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन को जल्द ही चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। दरअसल चंपई सोरेन सरकार के कैबिनेट में दो रिक्त जगह पर जल्द ही नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। सूत्रों की मानें तो कल्पना सोरेन के अलावा कांग्रेस कोटे से एक विधायक को मंत्री बनाया जाएगा। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने गुरुवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि इस दौरान मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा हुई है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा के मॉनसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा।
सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में 15 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। जेल जाने के कई दिनों बाद भी उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया तो सरकार पर सवाल उठने लगे। इसके बाद 7 जून को सीएम चंपई सोरेन ने आलमगीर आलम की जिम्मेदारी वाले सभी विभाग वापस ले लिए।
इसके बाद आलमगीर आलम ने 10 जून को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनकी जगह कांग्रेस कोटे से जामताड़ा के विधायक डॉ. इरफान अंसारी और महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो इनमें से एक को मंत्री तो दूसरे को विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है।
कारण कि आलमगीर आलम विधायक दल के नेता भी थे। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद भी खाली है। बता दें कि झारखंड में अधिकतम 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। 12वें मंत्री का जगह पहले से खाली चला आ रहा है। अब यह जगह नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन को आवंटित हो सकता है।
इसका कारण है कि हेमंत सोरेन अब सरकार पर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहते हैं। कहा तो जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में अब मात्र छह माह का ही समय बचा है, यही कारण है कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। अगर यह गठबंधन फिर से सत्ता में लौटी और हेमंत सोरेन रिहा नहीं हुए तो कल्पना सोरेन ही अगला मुख्यमंत्री होंगी।