कोविड-19 मरीजों के लिए दिल्ली में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले को चुनौती
By भाषा | Published: November 26, 2020 06:46 PM2020-11-26T18:46:35+5:302020-11-26T18:46:35+5:30
नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों को ‘‘चिंताजनक’’ बताया । कोरोना वायरस के मरीजों के लिए शहर के 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा, ‘‘वर्तमान में जितने मामले हैं, वह चिंताजनक हैं । ’’ मामले पर आगे नौ दिसंबर को सुनवाई होगी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को कोविड-19 के 5246 मामले आने से संकमितों की संख्या 5.45 लाख हो गयी तथा 99 और मरीजों की मौत हो गयी।
अदालत ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में दिल्ली सरकार के 12 सितंबर के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है जिसमें शहर में 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए 80 प्रतिशत बेड को आरक्षित करने का आदेश दिया गया था।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि सरकार समय-समय पर स्थिति का आकलन कर रही है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली के संबंध में हालात की समीक्षा हाल में की है ।
उन्होंने कहा कि बुधवार रात को भी स्थिति की समीक्षा की गयी और सुनवाई की अगली तारीख के पहले भी बैठक की जाएगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।