निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति अकेले कार्यपालिका के करने के चलन को शीर्ष अदालत में दी गई चुनौती

By भाषा | Updated: May 17, 2021 20:01 IST2021-05-17T20:01:14+5:302021-05-17T20:01:14+5:30

Challenges given to top court for appointment of Election Commissioners alone by executive | निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति अकेले कार्यपालिका के करने के चलन को शीर्ष अदालत में दी गई चुनौती

निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति अकेले कार्यपालिका के करने के चलन को शीर्ष अदालत में दी गई चुनौती

नयी दिल्ली, 17 मई मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति अकेले कार्यपालिका द्वारा करने के चलन की संवैधानिक वैधता को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है और कहा कि इससे चुनाव आयोग की तटस्थता को लेकर आशंका पैदा होती है।

एनजीओ ने निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ और स्वतंत्र कॉलेजियम/चयन समिति बनाने की भी मांग की।

याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में केवल कार्यपालिका अकेली प्रतिभागी नहीं हो सकती क्योंकि इससे सत्तारूढ़ दल को अपने प्रति निष्ठावान किसी अधिकारी को चुनने का विशेषाधिकार मिल जाता है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि लोकतंत्र संविधान के मौलिक ढांचे का एक पहलू है और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने एवं देश में स्वस्थ लोकतंत्र बनाकर रखने के लिए निर्वाचन आयोग को राजनीतिक और शासन के हस्तक्षेप से बचाकर रखना होगा।

याचिका में दलील दी गयी है कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है और निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनावों के असंगत है।

एनजीओ ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ वर्षों में चुनाव के प्रबंधन और निगरानी में निर्वाचन आयोग के कामकाज के तरीके को लेकर सवाल उठे हैं।

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Web Title: Challenges given to top court for appointment of Election Commissioners alone by executive

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