'समलैंगिक जोड़ों की चिंताओं को दूर करने के लिए समिति बनाने को हम तैयार', केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
By विनीत कुमार | Published: May 3, 2023 12:24 PM2023-05-03T12:24:28+5:302023-05-03T13:04:51+5:30
केंद्र सरकार समलैंगिक जोड़ों के मुद्दे और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए एक समिति बनाने पर सहमत है। इसकी जानकारी केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को दी गई।
नई दिल्ली: समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को अदालत से कहा कि वह ऐसे लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए समिति बनाने को तैयार है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि प्रशासनिक उपाय तलाशने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर वह सहमत है।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रशासनिक उपाय तलाशने के मुद्दे पर अपने सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार समलैंगिक जोड़ों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रशासनिक कदम तलाशने के सुझाव को लेकर सकारात्मक है।
Centre agrees to set up a committee headed by Union Cabinet Secretary to look into issues faced by the LGBTQIA+ community. pic.twitter.com/A0HiqE3blF
— ANI (@ANI) May 3, 2023
समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। पांच जजों की इस पीठ में जस्टिस एस के कौल, जस्टिस एस आर भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं।
तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान पीठ से कहा कि प्रशासनिक उपाय तलाशने के लिए एक से ज्यादा मंत्रालयों के बीच समन्वय की जरूरत पड़ेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र से पूछा था कि क्या समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दिए बिना ऐसे जोड़ों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है।