'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के बारे में केंद्र सरकार के पास कोई जानकारी नहीं', गृह मंत्रालय ने एक्टिविस्ट के RTI पर दिया ये जवाब
By पल्लवी कुमारी | Published: January 21, 2020 11:43 AM2020-01-21T11:43:51+5:302020-01-21T11:43:51+5:30
जनवरी के शुरुआती हफ्ते में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जेएनयू के बारे में कहा था, मैं निश्चित रूप से आपको बता सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था, हमने वहां कोई 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं देखा।
'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के बारे में गृह मंत्रालय ने अधिकार कानून (RTI) के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास टुकडे-टुकडे गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एक्टिविस्ट और मुंबई के पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने पिछले महीने 26 दिसंबर को गृह मंत्रालय से आरटीआई के तहत सवाल कर 'टुकडे-टुकडे गैंग' शब्द की परिभाषा के बारे में जानकारी मांगी थी। मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक साकेत गोखले को सोमवार (20 जनवरी) को गृह मंत्रालय की ओर से जवाब मिला है।
पिछले साल 2019 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस शब्द को कई बार किया था। दिल्ली में एक कार्यक्राम के दौरान अमित शाह ने नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का जिक्र करते हुए कहा था, 'मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग को दंडित करने का समय आ गया है। उन्हें शहर में हिंसा के लिए दोषी ठहराया जाना है। दिल्ली के लोगों को उन्हें दंडित करना चाहिए।' एक्टिविस्ट और मुंबई के पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने ईमेल द्वारा दायर किए आरटीआई में अमित शाह के इस बयान का भी जिक्र किया है।
गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार की शाम को मुख्य लोक सूचना अधिकारी एसके झा द्वारा भेजे गए जवाब में लिखा है, "गृह मंत्रालय को टुकड़े-टुकड़े गिरोह के बारे में कोई जानकारी नहीं है"।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा था- मेरे समय 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं था
जनवरी के शुरुआती हफ्ते में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जेएनयू के बारे में कहा था, मैं निश्चित रूप से आपको बता सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था, हमने वहां कोई 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं देखा। जेएनयू परिसर में हुई हिंसा के बाद संस्थान के पूर्व छात्र जयशंकर ने फौरन इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि यह पूरी तरह से विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है।
दक्षिणपंथी दलों द्वारा विपक्ष, खास तौर पर वाम और वाम समर्थित संगठनों के साथ ही उनका समर्थन करने वालों के लिए 'टुकड़े-टुकड़े' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।