केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। भारत में डेल्टा वेरिएंट को कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। जिसके बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञ चिंता जता चुके हैं कि देश में तीसरी लहर के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट जिम्मेदार हो सकता है। फिलहाल देश में इस वेरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं।
देश में डेल्टा प्लस मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर एक बयान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि डेल्टा प्लस 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' है। इससे पहले, मंत्रालय ने कहा था कि डेल्टा प्लस केवल 'वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट' है। 15 जून को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था कि डेल्टा प्लस वेरिएंट अभी तक भारत में चिंता का एक प्रकार नहीं था। डेल्टा प्लस वेरिएंट का का पता चला है, और यह मार्च से यूरोप में है।उन्होंने बताया था कि वेरिएंट ऑफ कंसर्न वो है जो संक्रमण और गंभीरता में वृद्धि से मानवता के लिए प्रतिकूल परिणाम देता हैं।
उधर, सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामलों का पता चला है, जिनमें से 16 महाराष्ट्र में सामने आए हैं। अन्य मामले मध्य प्रदेश और केरल में सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत उन नौ देशों में से एक है जहां अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है। उन्होंने कहा कि 80 देशों में इसका पता चला है।
नौ देशों में पाया गया डेल्टा प्लस वेरिएंट
कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव तथा केरल और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिले हैं। भूषण ने कहा कि किसी भी वेरिएंट के प्रसार और गंभीरता से यह तय होता है कि यह चिंताजनक है या नहीं। डेल्टा वेरिएंट भारत सहित दुनिया भर के 80 देशों में पाया गया और यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि भारत सहित नौ देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है।
संख्या के लिहाज से छोटा, इसमें न हो वृद्धि
उन्होंने कहा कि अभी संख्या के लिहाज से यह काफी छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि इसमें वृद्धि हो। भूषण ने कहा कि आईएनएसएसीओजी की 28 प्रयोगशालाएं हैं और उन्होंने 45,000 नमूनों का अनुक्रमण किया है। इनमें से डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामले सामने आए। भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया है। आईएनएसएसीओजी वायरस के नए स्वरूप तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है।
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है वैक्सीन
भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर, दोनों भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।
टीकाकरण बढ़ाना होगा-डॉ. पॉल
देश में महामारी की समग्र स्थिति पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि महामारी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। लेकिन उन्होंने जोर दिया कि लोगों को कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन जारी रखना चाहिए और भीड़ तथा पार्टियों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण की मात्रा बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक दैनिक मामलों वाले जिलों की संख्या 531 (20 मई को समाप्त सप्ताह में) से घटकर 135 रह गयी गई है जो आश्वस्त करने वाली है। उन्होंने कहा, 'लेकिन प्रतिबंधों में ढील से हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है... ।' भूषण ने कहा कि सात मई को सामने आए अधिकतम मामलों की तुलना में अब करीब 90 प्रतिशत की गिरावट आयी है।