मुंबई 21 मई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि चक्रवात से होने वाली क्षति को कम करने के लिए राज्य सरकार समुद्र तट पर स्थायी ढांचा स्थापित करने की योजना बना रही है और इसके लिए वह केन्द्र सरकार से मदद मांगेगी।
सिंधुदुर्ग जिले के मालवां में पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार आने वाले चक्रवातों से फसलों, संपत्ति और मानव जीवन का नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कई इलाकों में इस हफ्ते कहर बरपाने वाला चक्रवात ताउते एक भीषण तूफान था। केन्द्र सरकार को वित्तीय मदद प्रदान करनी चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि ताउते से हुए नुकसान का आकलन लगभग पूरा हो चुका है। पंचनामा तैयार करने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर चल रही है और इसके दो दिनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार के तय नियमों के मुताबिक सहायता मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने कहा, ' हमने केन्द्र सरकार से अधिक से अधिक मदद करने की अपील की है। प्रधानमंत्री संवेदनशील हैं। हम किसी प्रकार की राजनीति में नहीं पड़ना चाहते।'
ठाकरे ने कहा कि रत्नागिरी जिला तूफान से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र में तूफान के कारण दो लोगों की मौत हुई है जबकि आठ घायल हुए हैं। 17 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 6,766 मकानों को आंशिक तौर पर क्षति पहुंची है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने ठाकरे पर तूफान प्रभावित इलाकों के दौरे के समय राजनीति करने का आरोप लगाया है जिसके जवाब में ठाकरे ने कहा,‘‘ मैं विपक्ष का नेता नहीं हूं और न ही मैं निराश हूं। मैं राजनीति में नहीं पड़ना चाहता। एक बार राहत देने की बजाए मैं स्थायी समाधान के पक्ष में हूं। मैं केन्द्र सरकार से राज्य आपदा मोचन बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि में संशोधन करने की अपील करता हूं।’’
ठाकरे ने कहा कि तटीय इलाकों में बिजली की तारों की व्यवस्था भूमिगत होनी चाहिए जिससे कि चक्रवात के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित नहीं हो।
दरअसल, फडणवीस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि समयपूर्व चक्रवात की चेतावनी मिलने के बावजूद सिंधुदुर्ग में एनडीआरएफ की टीम को ठाकरे सरकार ने तैनात नहीं किया।
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