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केंद्र ने न्यायालय में टीकाकरण नीति को न्यायोचित बताया, कहा न्यायिक हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं

By भाषा | Updated: May 10, 2021 18:24 IST

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नयी दिल्ली, 10 मई केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी टीकाकरण नीति को न्यायोचित बताते हुए कहा कि उसकी प्रतिक्रिया और रणनीति पूरी तरह से विशेषज्ञ चिकित्सीय व वैज्ञानिक राय से प्रेरित है जिसमें न्यायिक हस्तक्षेप की गुंजाइश बेहद कम है और जोर देकर कहा कि देश भर में सभी आयुवर्ग के नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण होगा।

उसने कहा कि एक कार्यकारी नीति के तौर पर जिस अभूतपूर्व व विशिष्ट परिस्थिति में टीकाकरण अभियान को तैयार किया गया है उसमें “कार्यपालिका की समझ पर भरोसा किया जाना चाहिए।”

सरकार ने कहा कि एक वैश्विक महामारी में जहां राष्ट्र की प्रतिक्रिया और रणनीति पूरी तरह से विशेषज्ञ चिकित्सीय और वैज्ञानिक राय से प्रेरित है, “किसी भी तरह का अति उत्साही, यद्यपि उचित अर्थ में न्यायिक हस्तक्षेप के अभूतपूर्व व अनापेक्षित परिणाम हो सकते हैं।”

शीर्ष अदालत द्वारा कोविड-19 प्रबंधन को लेकर स्वत: संज्ञान से शुरू किये गए मामले में रविवार रात को दायर 218 पन्नों के हलफनामे में केंद्र ने कहा कि यह नीति “संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 में प्रदत्त प्रावधानों के अनुरूप है और विशेषज्ञों, राज्य सरकारों तथा टीका उत्पादकों से कई दौर के परामर्श व चर्चा के बाद बनाई गई है, जिसमें इस अदालत के दखल की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस स्तर की महामारी से निपटने के लिये व्यापक जनहित में कार्यपालिका के पास स्वतंत्रता होनी चाहिए।”

सरकार ने हलफनामे में कहा, “यह भी बताया जाता है कि 18 से 44 आयुवर्ग के नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण हो रहा है क्योंकि सभी राज्य सरकारों ने अपनी 18 से 44 आयुवर्ग की आबादी के लिये मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की है। इसलिये देश में सभी आयुवर्ग के सभी लोगों का मुफ्त टीकाकरण होगा।”

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को “भारत सरकार के चैनल” से यह भी बताया जा रहा है कि उनके पास दोनों टीकों की कितनी खुराक उपलब्ध हैं जिससे वे प्राथमिकता वाले समूहों की पहचान कर सकें।

हलफनामे में कहा गया, “बेहद सम्मानजनक तरीके से यह बताया जाता है कि ऐसे गंभीर व अभूतपूर्व संकट जिसका देश मुकाबला कर रहा है, ऐसे में सरकार के कार्यकारी कामकाज के उद्देश्य से व्यापक हित में नीति बनाने के लिये काम की स्वतंत्रता की आवश्यकता होती है। ऐसे में अभूतपूर्व व विशिष्ट परिस्थितियों के मद्देनजर यह टीकाकरण अभियान एक कार्यपालिका नीति के तौर पर तैयार किया गया है जिसमें कार्यपालिका की बुद्धि पर भरोसा किया जाना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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