सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से अनुच्छेद 370 पर दाखिल हलफनामे का कोई कानूनी महत्व नहीं: महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला ने घेरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 11, 2023 07:23 AM2023-07-11T07:23:56+5:302023-07-11T07:28:01+5:30

महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को गारंटी देने वाले भारतीय संविधान को नष्ट करने के लिए बहुमत का दुरुपयोग किया गया।

Center affidavit on Article 370 in Supreme Court has no legal significance Mehbooba | सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से अनुच्छेद 370 पर दाखिल हलफनामे का कोई कानूनी महत्व नहीं: महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला ने घेरा

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से अनुच्छेद 370 पर दाखिल हलफनामे का कोई कानूनी महत्व नहीं: महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला ने घेरा

Highlightsकेंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा- इस कदम से जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है। केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा सड़कों पर की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है।

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर उच्चतम न्यायालय में केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसमें तर्क का अभाव है और इसका कोई कानूनी महत्व नहीं है। पीडीपी प्रमुख महबूबा ने अनुच्छेद 370 को हटाना अंसवैधानिक बताया। उन्होंने ट्वीट किया- ‘‘केंद्र के बचाव में तर्क का अभाव है...अनुच्छेद 370 को हटाना अवैध और असंवैधानिक है।’’

महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को गारंटी देने वाले भारतीय संविधान को नष्ट करने के लिए बहुमत का दुरुपयोग किया गया और भारत सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के उन पूर्ववर्ती फैसलों का भी उल्लंघन किया, जिसमें कहा गया था कि केवल जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ही भारत के राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370 को हटाने की सिफारिश कर सकती है।’’ वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी गई दलीलें राजनीतिक हैं और उनमें कानूनी वैधता की कोई गुंजाइश नहीं है।

गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का बचाव करते हुए केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि यह कदम उठाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है। केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा सड़कों पर की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है।

केंद्र के हलफनामे पर मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ गौर करेगी। पीठ द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई की जानी है। 

भाषा इनपुट

Web Title: Center affidavit on Article 370 in Supreme Court has no legal significance Mehbooba

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