जनगणना 2021ः गृह मंत्रालय ने बैठक बुलाई, सरकार उन परिवारों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करेगी जिनके मुखिया ‘ट्रांसजेंडर’ हैं
By भाषा | Published: January 16, 2020 06:33 PM2020-01-16T18:33:48+5:302020-01-16T18:33:48+5:30
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सभी राज्यों के जनगणना निदेशक तथा मुख्य सचिव उपस्थित होंगे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल से 30 सितंबर तक घरों की गिनती के चरण और एनपीआर की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी।
गृह मंत्रालय ने 2020 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की रूपरेखा पर विचार विमर्श करने के लिए शुक्रवार को एक बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और सभी राज्यों के जनगणना निदेशक तथा मुख्य सचिव उपस्थित होंगे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल से 30 सितंबर तक घरों की गिनती के चरण और एनपीआर की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही एलान कर दिया है कि उनका राज्य बैठक में भाग नहीं लेगा। पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि वे अभी एनपीआर कवायद में भाग नहीं लेंगे क्योंकि यह देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले का चरण है। अधिकारियों ने कहा कि एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार करना है। डाटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण होंगे।
विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बने गतिरोध के बीच एनपीआर और घरों की गिनती के लिए अधिसूचना जारी की गयी है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अधिकतर राज्यों ने एनपीआर से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित किया है जो देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है।
यह नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 1,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। एनपीआर के लिए आंकड़े पिछली बार 2010 में 2011 की जनगणना के तहत घरों की गिनती के चरण के साथ एकत्र किया गया था। उन आंकड़ों को 2015 में घर- घर सर्वेक्षण के बाद अद्यतन किया गया था।
जनगणना 2021 में सरकार पहली बार सरकार उन परिवारों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करेगी जिनके मुखिया ‘ट्रांसजेंडर’ हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी। जनगणना अधिकारी एक अप्रैल से 30 सितंबर तक होने वाली घरों की सूची बनाते हुए जनगणना के दौरान हर घर से 31 सवालों के आधार पर विशिष्ट जानकारी की मांगेंगे।
अधिकारी ने बताया कि मुखिया के लिंग के अब तीन विकल्प पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर दिए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि किसी ट्रांसजेंडर मुखिया के घरों की जानकारी एकत्र की जा रही है। पहले की जनगणना में केवल पुरुष और महिला के लिए एक कॉलम हुआ करता था।”
जनगणना 2021 पारंपरिक कलम और कागज से हटकर एक मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से की जाएगी। जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च, 2021 होगी लेकिन बर्फबारी के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह 1 अक्टूबर, 2020 होगी।