नई दिल्ली, 24 अक्टूबर:सीबीआई घूसकांड को लेकर एक बार फिर से देश की दोनों ही बड़ी पार्टियां आमने-सामने हैं। इस पूरे मामले में कांग्रेस बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कांफ्रेस करके मोदी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। अभिषेक सिंघवी ने कहा है कि सरकार ने देश की संस्थाओं को आईसीयू में धकेला दिया है। साथ ही राजनीति करके सीबीआई की प्रतिष्ठा को धूल में मिलाया जा रहा है। मोदी सरकार ने राफेल फोबिया से बचने के लिए सीबीआई के डायरेक्टर को हटाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार अभियुक्त के समर्थन में खड़ी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नकारा है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी सीबीआई के कामकाज में दखल देते हैं।
बता दें कि इस पूरे विवाद पर थोड़ी देर पहले ही वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जेटली ने कहा, 'सीबीआई के दो सबसे बड़े अधिकारियों पर आरोप हैं। अब इसकी जांच कौन करेगा। ये सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। सरकार उसकी जांच नहीं कर सकती। सीबीआई एक्ट के मुताबिक सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) के पास जांच का अधिकार है। सीवीसी के पास ही उन आरोपों की जानकारी है।'
जेटली ने कहा, 'विपक्ष में जो इस आदेश पर सवाल उठा रहे हैं उनसे कहना है कि क्या जिस पर आरोप हैं उन्हीं से जांच करने दिया जा सकता था। मैं विपक्षी दलों की बात को बकवास मानता हूं। मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारतीय जांच एजेंसी की अखंडता बरकरार रहेगी। अगर वो निर्दोष पाए जाते हैं तो उनकी वापसी होगी।'