ममता बनर्जीसीबीआई के छापे के खिलाफ धरने पर बैठ गईं हैं। कमिश्नर राजीव कुमार के ढाल के रूप में बंगाल की मुख्यमंत्री खुल कर सामने आ गई हैं। बीजेपी ने इसे बेहूदा हरकत बताया है। ममता के अनुसार यह सब पीएम मोदी के इशारे पर अजित डोभाल द्वारा किया गया है। लेकिन उनके इस प्रतिक्रिया के कारण ममता बनर्जी की आलोचना भी हो रही है। राज्य में सीबीआई के दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है।
क्या है मामला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम चिटफंड घोटालों के मामलों में पूछताछ की खातिर कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने सीबीआई टीम को आवास में दाखिल होने से रोक दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि हंगामे के बीच उस वक्त टकराव के हालात पैदा हो गए जब कोलकाता पुलिस के कुछ कर्मी सीबीआई के कुछ अधिकारियों को जबरन पास के एक पुलिस थाने में ले गए।
सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि कुमार ‘‘फरार’’ चल रहे हैं और शारदा एवं रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी ‘‘तलाश’’ की जा रही है। इस दावे के एक दिन बाद सीबीआई के करीब 40 अधिकारियों-कर्मियों की एक टीम आज शाम कुमार के आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें संतरियों एवं कर्मियों ने बाहर ही रोक दिया।कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी दस्तावेज थे। पुलिस आयुक्त के आवास के बाहर खड़े सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं करना चाहते। देखते हैं कि क्या होता है। थोड़ा इंतजार करें।’’
पहले गिरफ्तार किया और फिर छोड़ा बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को चर्चा के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाने ले जाया गया। इसके बाद कुछ और लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा पैदा हो गया। फिर सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस थाने ले जाया गया। इस घटना के बारे में सूचित किए जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौके पर पहुंच गईं। वह पहले ही कुमार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘पुलिस एवं अन्य सभी संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है।’’