RSS और इस BJP नेता के बेहद करीबी माने जाते हैं CBI के नये बॉस नागेश्वर राव, कई हिन्दू संगठनों से है नाता?
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 26, 2018 03:09 PM2018-10-26T15:09:20+5:302018-10-26T15:09:20+5:30
CBI New Boss M. Nageswara Rao: एम नागेश्वर राव अक्सर ही हिन्दू हितों की रक्षा करने वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं। वे इंडिया फाउंडेशन, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन आदि के कार्यक्रमों में जाते हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में उठे तूफान में नया बॉस एम नागेश्वर राव को बनाया गया है। घूसखोरी को लेकर उठे विवाद में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की छुट्टी कर दी गई थी। इसके बाद संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया। जबकि वे वरिष्ठता क्रम में कई अन्य अधिकारियों के नीचे थे।
इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) की एक खबर के अनुसार सीबीआई के नये बॉस हिन्दू मामलों के चैंपियन हैं। वे ना केवल कई हिन्दू उद्धार संबंधित संगठनों से जुड़े हुए हैं, बल्कि हिन्दू बचाओं आदि कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई बड़े पदाधिकारियों के भी वे काफी करीबी हैं।
ईटी ने नागेश्वर राव को करीब से जानने वाले कुछ लोगों के हवाले से लिखा है कि वे ऐसे कई संगठनों से जुड़े रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देते रहे हैं, जो हिन्दू मंदिरों को राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखने की पैरवी करते हैं।
इतना ही नहीं, नागेश्वर राव ऐसे कई कानूनों के बदलाव को लेकर भी अगुआ बनने की कोशिश किए हैं, जिनमें हिन्दूओं के साथ नाइंसाफी होने का हवाला दिया जाता है। ऐसे कानून जिनमें अल्पसंख्यकों के हित मैं फैसले लिए गए और हिन्दू समाज की अनदेखी की गई, नागेवश्वर राव उन कानूनों के बदलाव करने वालों लोगों की पैरवी करते रहे हैं।
आएसएस और राम माधव के बेहद करीबी हैं सीबीआई के नये बॉस
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर की माने तो एम नागेश्वर राव अक्सर ही हिन्दू हितों की रक्षा करने वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं। वे इंडिया फाउंडेशन, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन आदि के कार्यक्रमों में जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि इंडिया फाउंडेशन के कर्ता-धर्ता बीजेपी नेता राम माधव हैं। नागेश्वर राव से उनके संबंध बेहद करीबी वाले हैं। यही नहीं नागेश्वर राव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई प्रचारकों साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध रखते हैं।
हिन्दू मांगों को लेकर बनी टीम का हिस्सा भी रहे हैं नागेश्वर राव
ईटी ने अपनी खबर में यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रस्तुत करने के लिए कुछ हिन्दू संगठनों ने एक घोषणपत्र तैयार किया था। यह घोषणापत्र तैयार करने के लिए एक 7 लोगों की टीम भी बनाई गई थी। पिछले महीने 23 सितंबर को हिन्दू मांगों को लेकर यह घोषणापत्र (चार्टर) तैयार कर लिया गया। इसे तैयार करने वाली की-टीम में नागेश्वर राव भी एक अहम पद पर थे।
खबर के अनुसार बीते 25 अगस्त को ही श्रीजन फाउंडेशन ने दिल्ली के कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट (आईएनटीएसीएच) में भी शिरकत करने गए थे।
श्रीजन फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक यह फाउंडेशन भारत में नई सभ्यता स्थापित करने के लिए बनाया गया है। जिसके तहत मार्क्सवादी और बामपंथी विचारधाराओं को मानने वाले भारतीयों के द्वारा बनाए गई विचारधाराओं को जड़ उखाड़ फेंकना है। इनमें प्रमुख रूप से उन ऐतिहासिक तथ्यों को हटाना जिनसे देश में हिन्दू-विरोधी अथवा देश विरोधी वातावरण पैदा होता है।
हिन्दुओं के लिए कैसे काम करते हैं नागेश्वर राव
ईटी ने पूर्व आंतरिक सुरक्षा सचिव आरवीएस मनी से बातचीत के बाद यह दावा किया कि नागेश्वर राव हिन्दुओं की मांगों को लेकर तैयार किए गए घोषणापत्र को बनाते वक्त वहां मौजूद थे। ऐसा बताया जाता है कि उन्होंन करीब दो घंटों तक वहां ज्यादातर अकादमिक, पेशेवर और हिंदू कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर उन मुद्दों पर चर्चा करते रहे, जिन्हें पीएम के सामने उठाना है। हालांकि आरवीएस मनी ने इकी पुष्टि नहीं की। उन्होंने बस उपस्थिति को जाहिर किया।
बीफ निर्यात व गोरक्षा को लेकर चर्चाएं करते हैं नागेवश्वर राव
ईटी ने एक शख्स की पहचान छिपाने की शर्त का हवाला देते हुए लिखा है कि नागेश्वर राव ऐसी कई चर्चाओं में शामिल होते हैं, जिनमें गोरक्षा, गो-तस्करी और बीफ निर्यात आदि पर रोक लगाने की बातें होती हैं। वे ऐसे कानूनों के बारे में बताते हैं जिनके बदलाव से हिन्दू हितों की रक्षा की जा सकती है।
कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटने की मांग करता है हिन्दू समूह
हिन्दू हितों की रक्षा और मांग को लेकर बनाई गया समूह देशभर में तत्काल प्रभाव से बीफ बैन कराना चाहता है। साथ ही यह समूह कश्मीर को तीन हिस्से में बांटना चाहता है। साथ ही कश्मीर से धारा 370 और धारा 35 (ए) को हटाने की मांग करता है।
नागेश्वर राव का कॅरियर
एम नागेश्वर राव तेलंगाना के वारंगल के रहने वाले हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा ओस्मानिया यूनिवर्सिटी और आईआईटी मद्रास हासिल की है। साल 1986 में वह आईपीएस चुने गए। इसके बाद वह ओडिशा पश्चिम बंगाल में प्रशासनिक पदों पर रहे।
उन्हें एक तेज-तर्रार और नक्सलियों पर कर्रवाई करने वाले अधिकारी के तौर पर भी जाना जाता है। साथ ही उनकी 1996 के एक बलात्कार मामले में डीएनए फिंगर प्रिंट के इस्तेमाल के लिए आह्वान कर आरोपी को पकड़वाने के फैसले की भी खूब सराहना होती है।
चक्रवात और प्राकृतिक आपदाओं के समय हो जाते हैं सक्रिय
नागेश्वर राव को उनकी प्राकृतिक आपदाओं के वक्त किए गए कामों के लिए जमकर सराहा जाता है। फायर सर्विस के प्रमुख के तौर पर उन्होंने साल 2013 में आए चक्रवात फैलिन जमकर राहत बचाव कार्य किया था। इसी तरह 2014 के ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए चक्रवात हुदहुद में भी उनके कामों की खूब सरहाना हुई।